टाटा की बहुप्रतीक्षित कार नैनो डीजल बाज़ार में नहीं आएगी. कंपनी ने इसे लाने का विचार छोड़ दिया है. एक आर्थिक अखबार ने यह खबर दी है.
अखबार के मुताबिक टाटा मोटर्स ने नैनो का डीजल संस्करण लाने का इरादा छोड़ दिया है. पहले चर्चा थी कि कंपनी ग्राहकों की डीजल कारों के प्रति बढ़ती रुचि को ध्यान में ऱखते हुए ऐसी कार बनाएगी. लेकिन अब कंपनी ने इसके विपरीत फैसला किया है.
समझा जाता है कि इस तरह का छोटा डीजल इंजन बनाने में कंपनी को भारी लागत का सामना करना पड़ता. इसकी टेक्नोलॉजी महंगी है जिससे कार की उत्पादन लागत बहुत बढ़ जाएगी. इतनी महंगी कार लोग खरीदना पसंद नहीं करेंगे.
नैनो कार रतन टाटा का सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट था, जिसके लिए उन्हें बहुत शाबासी मिली थी. लेकिन यह कार बिक्री के मोर्चे पर असफल रही. हाल के समय में इसकी बिक्री तो और भी गिर गई. पिछले साल इसकी बिक्री में बहुत गिरावट आई और कुल 21,129 कारें ही बिकीं जबकि कंपनी ने इसमें काफी बदलाव किया था.
इस समय पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी फर्क नहीं रहा है, इसलिए ग्राहक सस्ती पेट्रोल कारें पसंद करते हैं. इस कारण से हुंदै की इयोन और शेवरेलट की स्पार्क की बिक्री काफी बढ़ गई है.
टाटा मोटर्स के कामकाज से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि अब नैनो के डीजल संस्करण की बात खत्म हो चुकी है. कंपनी ने अब उस प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिया है. इसका कारण यह है कि अगर ऐसी कोई कार आती भी है तो उसकी कीमत 3 लाख रुपये से कम नहीं होगी. इतने दाम पर इसकी बिक्री मुश्किल है.