टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री को कंपनी के निदेशक पद से भी हटा दिया गया. कंपनी के शेयरधारकों की बैठक में मिस्त्री को हटाने के प्रस्ताव को आवश्यक बहुमत से मंजूर कर लिया गया. टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने एक बयान में कहा, टाटा संस लि. के शेयरधारकों ने कंपनी की असाधारण आम बैठक में आवश्यक बहुमत के साथ साइरस पी मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने के पक्ष में मतदान किया.
इस घटनाक्रम का मतलब है कि 10 साल में पहली बार शापोरजी पल्लोनजी परिवार का बोर्ड में कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा. टाटा संस में मिस्त्री के परिवार की 18.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है. मिस्त्री टाटा संस के बोर्ड में 2006 में शामिल हुए थे. इससे दो साल पहले उनके पिता पल्लोनजी शापोरजी मिस्त्री ने निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. वह टाटा संस के बोर्ड में 1980 से शामिल थे.
हालांकि, मिस्त्री परिवार की टाटा संस में 1965 से हिस्सेदारी है. टाटा संस ने मिस्त्री को निदेशक मंडल से हटाने के लिए इस असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने का नोटिस पिछले महीने जारी किया था. मिस्त्री ने इस कदम की वैधता को चुनौती दी थी.
पिछले सप्ताह राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) मिस्त्री के परिवार की दो निवेश कंपनियों द्वारा ईजीएम को स्थगित करने की अपील ठुकरा दी थी. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की पीठ ने 31 जनवरी को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद मिस्त्री खेमा एनसीएलएटी में गया था.
टाटा संस ने पिछले साल 24 अक्तूबर को मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था और उनके समूह की टाटा संस और टीसीएस जैसी कारोबारी कंपनियों से हटाने के प्रस्ताव रखे थे. 24 अक्तूबर, 2016 को टाटा संस ने कहा था कि मिस्त्री चेयरमैन पद से हटने के बाद भी कंपनी के निदेशक बने रहेंगे. बाद में छह फरवरी की असाधारण आम बैठक का नोटिस जारी करते हुए टाटा संस ने इसमें कहा कि मिस्त्री ने टाटा समूह पर जो निर्रथक आरोप लगाए हैं उससे समूह को काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में उनका निदेशक पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं बनता तथा उन्हें इस पद से हटाया जाना चाहिए.