टैक्स की चोरी करना एक खतरनाक अपराध होने जा रहा है और ऐसा करने वाले सलाखों के पीछे भेजे जा सकते हैं. काले धन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनोनीत विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने इस आशय की अनुशंसा की है. मैजिक पेन से करोड़ों की टैक्स चोरी
एक समाचार पत्र ने बताया कि विशेष जांच दल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) इनकम टैक्स की उन धाराओं का अध्ययन कर रहा है जिन्हें कानून के तहत लाया जाए. यह अध्ययन 31 मार्च तक समाप्त हो जाएगा. इसके बाद इन धाराओं में आने वाले लोगों को जेल भेजने के बारे में विचार हो सकता है.
लेकिन वेतनभोगी वर्ग को राहत देने के लिए सरकार इसमें 50 लाख रुपये या इससे ऊपर की सीमा तय कर सकती है. इससे ऊपर की टैक्स चोरी करने वाले जेल की हवा खा सकते हैं. उन्हें प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत अपराधी घोषित किया जा सकता है.
अभी टैक्स चोरी करने वाले पकड़े जाने पर अपनी गलती इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत किसी अधिकारी के सामने मान लेते हैं और चोरी की रकम देने पर सहमति जताकर जेल जाने से बच जाते हैं. अगर वह व्यक्ति टैक्स या पेनाल्टी नहीं चुकाता है तो अधिकारी उसकी संपत्ति जब्त कर लेते हैं.
इस जांच दल के प्रमुख जस्टिस एमबी शाह और जस्टिस अरिजीत परसायत हैं. इसने सुझाव दिया है कि टैक्स चोरी को एक पीएमएलए के तहत एक अपराध बना दिया जाए. अभी तक यह ऐसे अपराधों की श्रेणी में नहीं है जिसके तहत लोगों को जेल भेजा जाता है. जांच दल की ओर से मशहूर वकील सोली सोराबजी ने कहा कि यह अनुशंसा की जा रही है कि टैक्स चोरी को अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की तरह जेल भेजे जाने वाला अपराध घोषित किया जाए.