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टैक्स में छूट से सच होगा 'मेक इन इंडिया' का सपना

वित्तमंत्री अरुण जेटली 28 फरवरी को आम बजट पेश करेंगे. ऐसे तो देश के हर तबके को उनसे ढेरों उम्मीदें हैं, लेकिन नौकरीपेशा लोगों की उम्मीदें आसमान पर हैं. उम्मीद की जा रही है कि साल 2015-2016 के बजट सत्र में टैक्स में छूट दी जा सकती है. इससे देश में आम आदमी की हालत में तो सुधार होगा ही साथ ही निवेशक भी बड़े निवेश के लिए आगे आएंगे.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)

वित्तमंत्री अरुण जेटली 28 फरवरी को आम बजट पेश करेंगे. ऐसे तो देश के हर तबके को उनसे ढेरों उम्मीदें हैं, लेकिन नौकरीपेशा लोगों की उम्मीदें आसमान पर हैं. उम्मीद की जा रही है कि साल 2015-2016 के बजट सत्र में टैक्स में छूट दी जा सकती है. इससे देश में आम आदमी की हालत में तो सुधार होगा ही साथ ही निवेशक भी बड़े निवेश के लिए आगे आएंगे.

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प्रधानमंत्री मोदी के वायदे के अनुसार देश में अच्छे दिन तभी आ सकते हैं जब कंपनियां देश में निवेश करें. निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए उनको कुछ टैक्स छूट देना जरूरी है. और उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था को विकास की पटरी पर दौड़ाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे.

अधिकारियों की मानें तो टैक्स रेट में बदलाव किया जा रहा है, साथ की टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी कॉर्पोरेशन टैक्स रेट 30 फीसदी है, जिसमें पिछले 7 सालों से कोई बदलाव नहीं किया गया है. सरचार्ज सहित ये रेट 33 फीसदी तक रहता है. हालांकि पिछले साल कॉर्पोरेशन टैक्स में सरचार्ज 10 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया था.

भारत में ज्यादा टैक्स रेट के चलते बहुत सी कंपनियां अपने प्रोजेक्ट्स अन्य देशों में स्थापित कर रही हैं. इसकी वजह से भी उन्हें टैक्स में कुछ राहत देने की जरूरत है, ताकि कंपनियां देश में रुकें और यहां रोजगार पैदा हों. सरकार अपने 'मेक इन इंडिया' प्लान को कामयाब बनाने लिए निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित कर रही है. ऐसे में निवेशकों को अगर टैक्स जैसी छूट और सुविधाएं मिलेंगी तो वे भी भारत में निवेश के लिए आकर्षित होंगे.

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