टेलीकॉम कंपनियां अब मनमाने ढंग से टैरिफ प्लान नहीं बदल सकतीं. एक उपभोक्ता अदालत ने गुरुवार को कहा कि यदि एक दूरसंचार कंपनी मनमाने ढंग से टैरिफ प्लान बदलती है तो यह अनुचित व्यापार व्यवहार है. इस मामले में उपभोक्ता ने फोन कनेक्शन लेते समय जो प्लान लिया था, कंपनी ने उसे बाद में बदल दिया था.
उपभोक्ता अदालत ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह ग्राहक को पुराना प्लान उपलब्ध कराए.
नई दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निपटान मंच ने इस केस में पाया कि वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड ने फायदा उठाने के लिए मनमाने ढंग से प्लान बदल दिया. उपभोक्ता अदालत ने कंपनी को 2,000 रपये मुआवजा और मुकदमा खर्च याचिकाकर्ता को भुगतान करने का निर्देश दिया. उपभोक्ता अदालत ने कहा, 'ग्राहकों के साथ झूठे वादे किए गए जिसके आधार पर यह अनुचित व्यापार व्यवहार का मामला बनता है.'
वोडाफोन सेवा में कमी का दोषी पाया गया है क्योंकि उसने प्लान के मुताबिक शुल्क लेने का वादा पूरा नहीं किया और फायदा लेने के लिए मनमाने ढंग से प्लान बदल दिया.
सीके चतुर्वेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'प्रतिवादी को पुराना प्लान बहाल करने और वसूली गई अतिरिक्त राशि भावी बिल में समायोजित करने का निर्देश दिया जाता है.'
यह फैसला दिल्ली स्थित फर्म एस्टेक मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड की उस याचिका पर आया है जिसमें फर्म ने आरोप लगाया था कि वोडाफोन उससे मोबाइल एसटीडी काल्स के लिए उन दरों से अधिक शुल्क ले रही है जिन दरों पर प्लान लिया गया था. फर्म ने कॉर्पोरेट प्लान पैकेज के तहत वोडाफोन से कई नंबर खरीदे थे.