मंगलवार तक दूरसंचार कंपनियों ने सरकार को 1,09,000 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता जताई थी. स्पेक्ट्रम के लिए आठ कंपनियों ने बोली लगाई, जिनमें शामिल हैं : रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, टाटा टेलीसर्विसिस, यूनीनॉर, आईडिया सेल्युलर और एयरसेल.
सरकार ने 800 मेगाहर्टज स्पेक्ट्रम बैंड के लिए आधार मूल्य 3,423 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्टज तय किए थे. इसी तरह 900 मेगाहर्टज बैंड के लिए 3,399 करोड़ रुपये, 1800 मेगाहर्टज बैंड के लिए 1,425 करोड़ रुपये तय किए गए थे. 3जी स्पेक्ट्रम के लिए भी सरकार ने 3,511 करोड़ रुपये का आधार मूल्य तय किया था.