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कॉल रेट बढ़ा तो इन राज्यों को सबसे ज्यादा नुकसान

सस्ते टैरिफ प्लान और इस कारण सस्ते कॉल रेट का लाभ उठा रहे देशभर के मोबाइल ग्राहकों को बहुत जल्द झटका लग सकता है. सेल्युलर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां हालिया स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद कॉल रेट बढ़ाने की तैयारी में हैं.

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सस्ते टैरिफ प्लान और इस कारण सस्ते कॉल रेट का लाभ उठा रहे देशभर के मोबाइल ग्राहकों को बहुत जल्द झटका लग सकता है. सेल्युलर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां हालिया स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद कॉल रेट बढ़ाने की तैयारी में हैं. लेकिन इस बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश यूपी-ईस्ट और यूपी-वेस्ट के ग्राहकों को होने वाला है.

विशेषज्ञों की मानें तो टेलीकॉम कंपनियां अपने कॉल रेट में 7-13 पैसे की बढ़ोतरी कर सकती हैं. दरअसल, देश की तीन सबसे बड़ी टेलकॉम कंपनियों- भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आईडिया सेल्युलर ने हाल ही इन क्षेत्रों में 900MHz स्पेक्ट्रम की खरीद के लिए बड़ी मात्रा में पैसे खर्च किए हैं. ऐसे में कंपनियां इसकी भरपाई अपने ग्राहकों से कर सकती हैं.

उदाहरण के लिए, भारती एयरटेल ने 20 साल के लिए आंध्र प्रदेश में स्पेक्ट्रम के लिए 103 करोड़ रुपये चुकाए हैं, जबकि नवीकरण के लिए कंपनी को आगे 6,127 करोड़ रुपये चुकाने होंगे. जाहिर तौर पर यह रकम कंपनी अपनी कमाई से ही इक्ट्ठा करना चाहेगी.

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बताया जाता है‍ कि आने वाले तीन से छह महीने में देश की एक बड़ी टेलकॉम कंपनी महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, यूपी-ईस्ट और यूपी-वेस्ट में अपने कॉल दरों में 20 फीसदी का इजाफा कर सकती है. अगर ऐसा होता है तो राजस्थान में कॉल दर में 13 पैसे, जबकि यूपी-ईस्ट, यूपी-वेस्ट, महाराष्ट्र और गुजरात में 9 पैसे और आंध्र प्रदेश में 7 पैसे की बढ़ोतरी होगी.

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