सरकार ने प्रोत्साहन पैकेजों की आंशिक वापसी का संकेत देते हुए सभी गैर तेल उत्पादों पर उत्पाद शुल्क दो प्रतिशत तक बढ़ाकर 10 कर दिया है. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था सुधार के पथ पर है.
उल्लेखनीय है कि वैश्विक आर्थिक संकट के प्रभावों से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सरकार ने दो चरणों में उत्पाद शुल्क में छह प्रतिशत की कटौती की थी. सरकार द्वारा इसे 14 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत ला दिया गया. हालांकि, मुखर्जी ने वर्ष 2010-11 के आम बजट में सेवा कर को 10 प्रतिशत के स्तर पर बरकरार रखा है.
इसे प्रोत्साहन पैकेजों के तहत 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत पर लाया गया था. इन कर प्रस्तावों से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को पेश करने में मदद मिलेगी क्योंकि अब उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर दोनों की दर 10 प्रतिशत हो गई है. यहां दिलचस्प बात यह है कि उत्पाद शुल्क की दर में बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई है जब आर्थिक वृद्धि दर तीसरी तिमाही में घटकर 6 प्रतिशत पर आ गई जो इससे पहले की तिमाही में 7.9 प्रतिशत थी.