भारत सरकार कर्नाटक में सोने की बंद पड़ी पुरानी खदानों से दोबारा सोना निकालने की योजना पर काम कर रही है. खनन मंत्रालय इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव लाने जा रहा है. माइन्स सेक्रेट्री बलविंदर कुमार ने बताया कि मंत्रालय एक महीने के भीतर यह प्रस्ताव रखेगा. ये खदानें बेंगलूरू से करीब 100 किमी दूर हैं.
क्या है प्रस्ताव
कुमार के मुताबिक खनन मंत्रालय कानून मंत्रालय की मदद से इस पर
काम कर रहा है. यह दुनिया की सबसे पुरानी और गहरी खदानों के रिवाइवल का प्रस्ताव है. इन खदानों से 25 हजार करोड़ रुपये का सोना
निकालने की योजना पर काम किया जा रहा है.
2001 में बंद हो गई थी खदानें
भारत का एकमात्र वर्ल्ड क्लास गोल्ड माइनिंग
ऑपरेशन 2001 में घाटे में जाने के बाद बंद हो गया था. भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक और उपभोक्ता देश है.
घरेलू उत्पादन
गिरा
पिछले साल भारत ने 800 टन सोना आयात किया था. लेकिन घरेलू उत्पादन 1.43 टन गिर गया. यदि सोने का खनन
बढ़ता है तो आयात कम होगा , जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा होगा.
सबसे पुरानी खदानों में से एक
कर्नाटक की इन खदानों में ब्रिटिश कंपनी जॉन टेलर एंड
संस ने 1880 में खनन शुरू किया था. फिर 1956 में इन खदानों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया. 1972 में इन्हें पीएसयू भारत गोल्ड
माइन्स लिमिडेट को दे दिया गया.