अगर इंटरनेशनल बजट पार्टनरशिप द्वारा कराए गए सर्वे की मानें तो भारत का नाम उन देशों की फेहरिस्त में शामिल है जहां बिल्कुल पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ बजट बनाया जाता है. सर्वे का कहना है कि इस भारत में बजट निर्माण प्रक्रिया में आंशिक सुधार हुआ है.
बजट पेश होने से पहले मीडिया समेत तमाम रिसर्च संस्थाओं में वित्तीय घाटे, जीएसटी व एसटीटी जैसे तमाम तरह के टैक्स, सैलेरी टैक्स स्लैब आदि को लेकर गहन रूप से चर्चा होती है. बजट से पहले कई बार रेल मंत्री और वित्त मंत्री मीडिया से भी मुखातिब होते हैं. ये रुझान काफी हद तक ये बताता है भारत सरकार अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर काफी पारदर्शी और जवाबदेह है.
इंटरनेशनल बजट पार्टनरशिप द्वारा पारदर्शिता के साथ बजट बनाने वाले देशों पर कराए गए सर्वे में भारत को 14वें नंबर पर रखा है. इस सर्वे में 100 देशों को शामिल किया गया. भारत को 100 में 68 अंक मिले. पारदर्शिता के मामले में फ्रांस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, साउथ अफ्रीका, स्वीडन और यूके भारत से आगे हैं.
सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि भारत उन देशों में से एक है जहां सरकार बजट से पहले, उसके दौरान और उसके बाद बजट संबंधी सभी दस्तावेज उपलब्ध कराती है. इसके अलावा वार्षिक, अर्द्धवार्षिक और अन्य ऑडिट रिपोर्ट्स समय-समय पर जारी करती है.