केल्विन चेउंग (34) मुंबई के रेस्त्रां ऐलिप्सिस के ऊर्जावान एग्जीक्यूटिव शेफ हैं. व्हाइट आउल रेस्त्रां-बार की क्षमा प्रभु सहित ढेरों लोग इंस्टाग्राम पर उन्हें फॉलो करते हैं. एक हफ्ते पहले चेउंग ने अपने फीड पर 'पिग ईयर्स ऐंड नैम प्रिक पाओ’ नामक एक डिश की तस्वीर पोस्ट की. वे कहते हैं कि मुझे यकीन है कि नए-नए व्यंजनों के दीवाने कुछ लोग जरूर इसका स्वाद चखना चाहेंगे.
फूड पॉर्न का उदय
यह फूडपॉर्न (#foodporn) का उदय है. इसमें व्यंजनों की लुभावनी तस्वीरें उतारी जाती हैं और उन्हें ऑनलाइन पोस्ट किया जाता है. साथ ही इंटरनेट और टीवी पर ऐसे व्यंजनों की तलाश की जाती है, जिनकी तस्वीरें देखकर ही मुंह से लार टपकने लगे. शेफ प्रभु बताती हैं कि जैसे ही खाने की प्लेट सामने आती है, ग्राहक पहला काम यह करता है कि जेब से सेलफोन निकालता है, उसकी तस्वीर लेता है और ऑनलाइन पोस्ट कर देता है. यह तुरत-फुरत का फैसला होता है कि डिश अच्छी है या बुरी. वे कहती हैं कि इसीलिए उन्होंने अपने साथियों को कल्पना करना सिखाया कि खाना दिखने में कैसा लगेगा.
लाखों डॉलर का कारोबार है फूड पॉर्न
खाने की तस्वीरों का यह प्रसार पॉर्नोग्राफी की हद तक बढ़ गया है. यही वजह है कि इससे जुड़ी वेबसाइटों के सौदे लाखों डॉलरों तक पहुंच गए हैं. अमेरिकी वेबसाइट फूडस्पॉटिंग दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट में से एक है, जिस पर खाने की तस्वीरें डाली और उनकी सिफारिश की जाती है. 2013 में एक रिजर्वेशन वेबसाइट 'ओपन टेबल’ ने इसे एक करोड़ डॉलर में खरीद लिया. तमाम उत्साही फूड फोटोग्राफर खाने की अपनी तस्वीरें ऑनलाइन डालने के लिए 'हैशटैग फूडपॉर्न’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं. वेबसाइट Zomato.com के संस्थापक दीपेंदर गोयल बताते हैं कि उनकी 2009 में शुरू हुई उनकी वेबसाइट का अब मूल्य एक अरब डॉलर आंका जा रहा है.
फूड दोस्ती और रोमांस की तरह
{mospagebreak}फूड दोस्ती और रोमांस की तरह
शौकीनों के अलावा शेफ और रेस्त्रां भी फूडपॉर्न की राह पर हैं. दिल्ली के मैनोर होटल का इंडियन एक्सेंट वह रेस्त्रां है, जिसकी हरेक डिश स्टेटस सिंबल है और उनकी ऑनलाइन तस्वीरें अमिताभ बच्चन से लेकर उद्योगपति आनंद महिंद्रा तक को आकर्षित करती हैं. शेफ मनीष मेहरोत्रा मजाक में कहते हैं, 'कभी-कभी मुझे जलन होती है कि किचन के शेफ से ज्यादा तस्वीरें तो प्रेशर कुकर की ली जाती हैं.'
Pumpkin Cookies with Cream Cheese pic.twitter.com/unoVRUn5ss
— FoodPorn (@ItsFoodPorn) October 31, 2014
एक लजीज डिश की तारीफ जितनी अच्छी लगती है, ऑनलाइन आलोचना उतनी ही कठोर और दिल तोड़ देने वाली होती है. शेफ मनु चंद्रा कहते हैं, 'ऐसा इसलिए है क्योंकि शेफ और डिश से उम्मीदें बहुत बढ़ गई हैं. डिश अब केवल डिश नहीं है. वह ऐसी चीज है, जिसमें निवेश किया जाता है और उम्मीद की जाती है कि वह दिखने में तो अच्छी होगी ही, आपकी जीभ और भावना को भी संतुष्ट करेगी.' वे कहते हैं, 'खाने को आपके जिगरी दोस्त की तरह बनना पड़ेगा. उसे इतना अच्छा दिखना होगा कि तस्वीर उतारी जा सके. उसे इतना लुभावना होना होगा कि खाने वाला बार-बार लौटकर आए. संक्षेप में, खाने को पूरी पीढ़ी के लिए जीवनसाथी की तरह बनना होगा, जो सामाजिक कामों में भी साथ दे और रोमांस के लिए भी खरा हो.'