योजना आयोग के अध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दर में कमी किए जाने की जरूरत पर बल दिया है.
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान वृद्धि दर घटकर 5.4 फीसदी पर आ गयी थी पर अब उसमें सुधार के संकेत हैं और सरकार का अनुमान है कि दूसरी छमाही में वृद्धि दर छह प्रतिशत के आसपास रहेगी. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने रिजर्व बैंक की मध्य तिमाही समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर (रेपो दर) और आरक्षित नकदी अनुपात में कटौती न किए जाने पर टिप्पणी की, ‘दीर्घकाल में ब्याज दर कम करने की जरूरत है.
आरबीआई इन चीजों पर स्वतंत्र तरीके से नजर रखता है और हमें उसे ब्याज दरों के बारे में फैसला करने की स्वतंत्रता देनी ही चाहिए.’ हलूवालिया ने कहा कि वृद्धि में गिरावट का सिलसिला खत्म हो गया है.
दूसरी छमाही बेहतर होगी. मध्यावधि आर्थिक समीक्षा में 5.7-5.9 फीसदी वृद्धि के अनुमान के संबंध में उन्होंने कहा, ‘यह तर्कसंगत है.’ वित्त मंत्रालय ने मार्च में चालू वित्त वर्ष के लिए 7.6 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जाहिर किया था.