टमाटर की कीमतें एकबार फिर आसमान पर पहुंचने लगी हैं. शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक किलो टमाटर के लिए लोगों को 80 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. यही हाल देश के दूसरे राज्यों में भी है. इसके लिए टमाटर की कम आपूर्ति को जिम्मेदार माना जा रहा है.
टमाटर के उत्पादन में अग्रणी बेंगलुरु में भी टमाटर की कीमतें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं. यहां पर एक किलो टमाटर के लिए लोगों को 45 से 50 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, मिजोरम के आइजोल में एक किलो टमाटर 95 से 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
बारिश ने बरबाद की फसल
राजधानी दिल्ली की आजादपुर मंडी के टमाटर व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक ने बताया कि टमाटर की पूरी आपूर्ति नहीं हो पा रही है. उन्होंने बताया कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भारी बारिश होने की वजह से टमाटर की फसलें बरबाद हुई हैं. इसका सीधा असर टमाटर की आपूर्ति पर पड़ा है.
MP में 90 फीसदी बरबाद हुई फसल
कौशिक ने बताया कि कारोबारियों को मध्य प्रदेश से आपूर्ति न के बराबर हो रही है. क्योंकि यहां 90 फीसदी फसल बरबाद हुई है. इसके बाद किसानों ने फिर से टमाटर की फसल बोई है, लेकिन नई फसल को आने में अभी 15 से 20 दिन का समय लग सकता है. तब तक टमाटर की आपूर्ति का संकट बना रह सकता है.
सब्जी और फलों की बिक्री के लिए एशिया की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर मंडी में एक किलो टमाटर का थोक भाव 40 से 50 रुपये प्रति किलो है. इसके बाद रिटेल मार्केट में इसकी कीमतें इससे भी ज्यादा हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहां पिछले साल इसी दौरान एक किलो टमाटर 30 से 35 रुपये मिल रहा था. इस दौरान वह 70 से 80 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक स्थान और क्षेत्र के हिसाब से टमाटर अलग-अलग कीमतों पर बिक रहा है.
25 फीसदी कम है आपूर्ति
कौशिक के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर की आपूर्ति 25 फीसदी कम है. औसतन दिल्ली के 6 बड़ी मंडियों में हर दिन 225 से 250 टन टमाटर बेचे व खरीदे जाते हैं, लेकिन अब यह घट गया है.
मौजूदा समय में इन मंडियों में सिर्फ 170 से 180 टन टमाटर का ही कारोबार हो रहा है. दिल्ली की मंडियों ने अब उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ से भी टमाटर मंगाना शुरू कर दिया है.