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इन 5 वजहों से गिर रहा है शेयर बाजार...

हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को शेयर बाजार में गिरावट बढ़ने से सेंसेक्स एक बार फिर 24,000 के नीचे पहुंच गया. आइए नजर डालते हैं उन सभी वजहों पर जिसने बाजार पर असर डाला है.

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सेंसेक्स एक बार फिर 24,000 के नीचे पहुंचा
सेंसेक्स एक बार फिर 24,000 के नीचे पहुंचा

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भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर लगातार जारी है. बाजार में बढ़ती यह गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है जिसके चलते बुधवार को सेंसेक्स 640 अंक टूटा, वहीं गुरुवार को एक बार फिर सेंसेक्स 24,000 के नीचे आते हुए 23,900 के करीब पहुंच गया. आईए जानते हैं बाजार में आई गिरावट की वजहें :

1. तेल की कीमतों में भारी गिरावट
तेल की कीमतों में आई गिरावट का असर भी बाजार पर देखने को मिला. कच्चे तेल के दाम में गिरावट का दौर पहले से ही जारी है, ऐसे में ईरान से प्रतिबंध हटने के बाद से तेल की कीमत में गिरावट और तेज हो गई है. कच्चे तेल के दाम 2003 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गए. आपको बता दें कि कि 27 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आते हुए ये 13 साल के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं.

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2. IMF ने घटाया ग्रोथ का अनुमान
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने 2016 के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में विश्व की विकास दर को 3.6 से घटाकर 3.4 प्रतिशत कर दिया है. हालांकि, आईएमएफ ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ रेट 7.5 रहने के अपने पहले के अनुमान को कायम रखा है.

3. रुपया 28 महीने के निचले स्तर पर
भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट बढ़ने से यह 28 महीने के निचले स्तर पर आ गया है. डॉलर के मुकाबले रुपया 42 पैसे की गिरावट के साथ 68 का स्तर पार करते हुए 68.07 पर पहुंच गया. आपको बता दें कि इससे पहले 4 सितबंर 2013 को रुपये का यह स्तर देखने को मिला था. रुपये की कमजोरी ने भी घरेलू बाजार पर दवाब बनाया.

4. अमेरिकी बाजार में गिरावट
अमेरिकी बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार हुआ इसके चलते डाओ जोंस 560 अंकों की गिरावट के बाद 250 अंकों की रिकवरी के साथ बंद हुआ. दिसंबर सीपीआई में 0.1 फीसदी की गिरावट, बिल्डिंग परमिट में 3 फीसदी की गिरावट और हाउसिंग के आंकड़ों में 2.5 फीसदी की गिरावट के चलते अमेरिकी बाजारों पर दबाव रहा. इसका असर घरेलू बाजार पर भी देखने को मिल रहा है.

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5. संकट में चीन: 25 साल के निचले स्तर पर GDP
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. ऐसे में अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल दुनियाभर के निवेशकों के लिए चिंता का विषय है. चीन की GDP ग्रोथ रेट जो साल 2014 में 7.3 फीसदी थी, वह 2015 में गिरकर 6.9 फीसदी पर आ पहुंची है. आपको बता दें कि इसके साथ ही चीन की ग्रोथ रेट 25 सालों के निचले स्तर पर आ गई है. इसके चलते भी निवेशकों में डर का माहौल जिससे बाजार में लगातार गिरावट का रुख जारी है, फिलहाल चीन के शेयर बाजार हैंगशेंग में 1.76 की गिरावट दिखाई दे रही है. इसके अलावा चीन की मुद्रा युआन में जारी गिरावट से भारत के इंपोर्ट पर विपरीत असर देखने को मिल रहा है.

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