प्रधानमंत्री की हड़ताल नहीं करने की अपील के बावजूद केंद्रीय श्रमिक संगठन दो दिन की हड़ताल पर अड़े हुये हैं. हालांकि, उनकी मांगों पर विचार के लिये दिये गये आश्वासन पर श्रमिक संगठन वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत के लिये तैयार हैं.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को सभी 11 श्रमिक संगठनों से अपील की थी कि वह 20 फरवरी से प्रस्तावित दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल वापस ले लें क्यांकि इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान और आम जनता को असुविधा होगी.
प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों ए के एंटनी, शरद पवार, पी चिदंबरम और श्रम मंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे से श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने को कहा है जिन्होंने मंहगाई और श्रम कानूनों के उल्लंघन से जुड़े मामलों पर हड़ताल का आह्वान किया है.
सीटू के महासचिव तपन सिन्हा ने कहा ‘हम आज रात आठ बजे रक्षा मंत्री ए के एंटनी से प्रधानमंत्री के इस आश्वासन को देखते हुये बातचीत करेंगे कि श्रमिक संगठनों ने जो मुद्दे उठाये हैं उनपर गौर किया जा रहा है. लेकिन हड़ताल पर जाने का कार्यक्रम जारी है. हमने इसे वापस नहीं लिया है.’ उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठन सरकार की तरफ से ठोस कदम उठाये जाने का इंतजार कर रहे हैं.
एटक के महासचिव गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि सभी 11 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होंगे.
उन्होंने कहा ‘हम भावी कार्ययोजना के संबंध में अपने में विचार करेंगे लेकिन सिर्फ आश्वासन के दम पर हड़ताल वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता. ‘ इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस बैठक में मौजूदा होंगे.