वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर की स्थिति और खराब हो रही है. जहां अमेरिका के कई उत्पादों के ट्रेड पर शुल्क बढ़ाने के बाद चीन लगातार अमेरिकी उत्पाद पर अधिक शुल्क लगाने की धमकी दे रहा है वहीं भारत ने यूरोपियन यूनियन की तर्ज पर अमेरिका से भारत आने वाले कई उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है.
अमेरिकी कार्रवाई के जवाब में भारत ने अमेरिका से आने वाले कई उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है. इन उत्पादों में बंगाली चना, मसूर दाल और आर्टेमिया शामिल हैं. वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि ये शुल्क चार अगस्त से प्रभावी होंगे.
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मटर और बंगाली चने पर शुल्क बढ़ाकर 60 फीसदी तथा मसूर दाल पर 30 फीसदी कर दिया गया है. इनके अलावा बोरिक एसिड पर 7.5 फीसदी तथा घरेलू रीजेंट पर 10 फीसदी शुल्क लगाया गया है. आर्टेमिया पर शुल्क बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है.
इनके अलावा चुनिंदा किस्म के नटों, लोहा एवं इस्पात उत्पादों, सेब, नाशपाती, स्टेनलेस स्टील के चपटे उत्पाद, मिश्र धातु इस्पात, ट्यूब - पाइप फिटिंग, स्क्रू, बोल्ट और रिवेट पर शुल्क बढ़ाया गया है. हालांकि, अमेरिका से आयातित मोटरसाइकिलों पर शुल्क नहीं बढ़ाया गया है.
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अमेरिका ने चुनिंदा इस्पात एवं एल्युमीनियम उत्पादों पर बढ़ा दिया था. इससे भारत पर 24.1 करोड़ डॉलर का शुल्क बोझ पड़ा था. भारत ने इसी के जवाब में ये शुल्क लगाये हैं.
चीन ने अपने सैकड़ों अरब डॉलर के आयात पर शुल्क लगाने की धमकी को लेकर अमेरिका पर दबाव तथा ब्लैकमेल करने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया. चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि अमेरिका वैश्विक व्यापार व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के ये तरीके उसके तथा सभी व्यापारिक भगीदारों के कारोबारी हितों को नुकसान पहुचाएंगे. गाओ ने कहा कि अमेरिका द्वारा संरक्षणवाद का डंडा चलाकर दबाव बनाने तथा ब्लैकमेल करने की नीति का चीन विरोध करता है.