दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा है कि टेलीकॉम कंपनियों को 10 जुलाई से वैल्यू ऐडेड सेवाओं (VAS) से जुड़ी जानकारी का रिकॉर्ड रखना होगा.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन राहुल खुल्लर ने कहा, ‘10 जुलाई से नई व्यवस्था अस्तित्व में आएगी. इसके तहत हमारे पास प्रणाली होगी जिसके जरिये हम यह पता लगा पाएंगे कि क्या मूल्य वर्धित सेवाएं (VAS) गलत तरीके से तो चालू नहीं की गयी. मौजूदा व्यवस्था आसानी से इससे बाहर निकलने की अनुमति देती है लेकिन ग्राहक इसे चाहता है या नहीं, इसकी पुष्टि की अनुमति नहीं है. अब यह तकनीकी रूप से संभव होगा.’
उन्होंने कहा कि नियामक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि तकनीकी समाधान उपलब्ध हो ताकि वह स्वतंत्र रूप से वैस के चालू होने से संबद्ध तथ्यों की स्वतंत्रतापूर्वक जांच कर सके.
ट्राई ने यह सुनिश्चित करने के लिये नियम बनाये हैं कि मोबाइल फोन पर बिना ग्राहक के मंजूरी के वैस चालू न हो. इस बारे में ट्राई को शिकायतें मिली थी कि कंपनियां बिना उनकी मंजूरी के वैस चालू कर रही हैं और उसके बाद शुल्क ले रही हैं. अगर किसी मोबाइल नंबर पर मूल्य वर्धित सेवाएं गलत तरीके से चालू होती हैं तो ग्राहक शिकायत दर्ज करा सकते हैं और 155223 डायल कर इसे समाप्त करवा सकते हैं.
यह सभी कंपनियों के लिये सामान्य नंबर है. खुल्लर ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था एक फरवरी 2013 से प्रभाव में है. अब ट्राई ग्राहकों की शिकायतों की जांच के लिये यह कदम उठा रहा है.