व्हाट्सऐप, वाइबर और स्काइप जैसे ऐप्स इस्तेमाल करने वालों के लिए खुशखबरी है. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने टेलीकॉम कंपनियों की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने इन सर्विसेज से होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा मांगा था.
कंपनियां इस बात से नाराज थीं कि व्हाट्सऐप, स्काइप, वी-चैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उनकी मोटी कमाई पर असर डाल रहे हैं. इनके बढ़ते इस्तेमाल से लोग अब मोबाइल फोन और एसएमएस का कम इस्तेमाल करने लगे हैं.
लोगों ने व्हाट्सऐप पर बड़े-बड़े यूजर ग्रुप बना लिए हैं और मुफ्त में एक दूसरे तक संदेश पहुंचाते रहते हैं. टेलीकॉम कंपनियों का कहना था कि उन्होंने अरबों रुपये खर्च करके लाइसेंस लिया है और यहां के संचार के लिए उन्हें अधिकार है, ऐसे में दूसरी एजेंसियां या कंपनियां कैसे उन्हें बाईपास करके यह काम करवा सकती हैं.
टेलीकॉम कंपनियों के मुताबिक इन ऐप्स के आ जाने से उनका कम से कम 5000 करोड़ रुपये का सालाना नुकसान हुआ है.