मथुरा और पलवल के बीच 180 किलोमीटर प्रति घंटे के सफल ट्रायल के बाद स्पेन की टैल्गो ट्रेन का अब 1 अगस्त से नई दिल्ली और मुंबई सेंट्रल के बीच ट्रायल किया जाएगा. रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक नई दिल्ली-मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के बीच इस ट्रेन का पहला ट्रायल रन 130 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से होगा.
3 अगस्त को मुंबई सेंट्रल-नई दिल्ली के बीच का दूसरा ट्रायल रन भी 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ही होगा. लेकिन 5 अगस्त को नई दिल्ली-मुंबई के बीच इस ट्रेन का तीसरा और अंतिम ट्रायल रन 150 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर किया जाएगा.
दिल्ली-मुंबई के बीच टैल्गो के ट्रायल को सही तरीके से पूरा करने के लिए रेलवे बोर्ड ने दोनों स्टेशनों के बीच पड़ने वाले सभी रेलवे जोन को पत्र लिख कर ट्रायल से पूर्व की तैयारी के सभी इंतजाम कर लेने के निर्देश दिए हैं. इसी के साथ ही टैल्गो ट्रेन का टाइम टेबल भी जारी कर दिया है.
1 अगस्त के ट्रायल का टाइम टेबल
नई दिल्ली से चलेगी: रात 7:55
पलवल से गुजरेगी: रात 8:29
मथुरा से गुजरेगी: रात 9:20
कोटा में रुकेगी: 12:20-12:25
नागड़ा से गुजरेगी: रात 2:45
रतलाम में रुकेगी: तड़के 3:13-3:16
गोधरा से गुजरेगी: सुबह 5:01
वड़ोदरा रुकेगी: 5:45-5:55
सूरत रुकेगी: 7:06-7:11
वलसाड़ से गुजरेगी: 7:48
विरार से गुजरेगी: 8:56
बोरीवली रुकेगी: 9:16-9:18
मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी: 10 बजे
3 अगस्त के ट्रायल का टाइम टेबल
मुंबई सेंट्रल से चलेगी: तड़के 3 बजे
बोरीवली रुकेगी: 3:30-3:32
विरार से गुजरेगी: 3:50
वलसाड़ से गुजरेगी: 4:58
सूरत में रुकेगी: 5:33-5:38
वडोदरा में रुकेगी: 6:48-6:58
गोधरा से गुजरेगी: 7:44
रतलाम में रुकेगी: 9:29-9:32
नागड़ा से गुजरेगी: 10 बजे
कोटा रुकेगी: दोपहर 12:05-12:10
मथुरा से गुजरेगी: शाम 3:30
पलवल से गुजरेगी: शाम 4:21
नई दिल्ली पहुंचेगी: शाम 5 बजे
5 अगस्त के ट्रायल का टाइम टेबल
नई दिल्ली से चलेगी: रात 7:55
पलवल से गुजरेगी: रात 8:29
मथुरा से गुजरेगी: रात 9:14
कोटा में रुकेगी: 12:05-12:10
नागड़ा से गुजरेगी: रात 2:15
रतलाम में रुकेगी: तड़के 2:40-2:43
गोधरा से गुजरेगी: सुबह 4:14
वडोदरा रुकेगी: सुबह 4:53-5:03
सूरत रुकेगी: सुबह 6:06-6:11
वलसाड़ से गुजरेगी: सुबह 6:45
विरार से गुजरेगी: सुबह 7:48
बोरीवली रुकेगी: सुबह 8:05-8:07
मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी: सुबह 8:50 बजे
टैल्गो कंपनी के डिब्बों की खासियत ये है कि ये तेज घुमावदार मोड़ों पर भी तेज रफ्तार से चल सकते हैं. टैल्गो डिब्बों में भारतीय रेल के मुकाबले आधे से भी कम चक्के लगे हैं. मसलन एक रेल डिब्बे में आठ चक्के लगाए जाते हैं. लेकिन टैल्गो के प्रति डिब्बे में दो चक्के लगे होते हैं. इसके अलावा टैल्गो के डिब्बे एल्यूमिनियम के बने होने की वजह से भारतीय रेल डिब्बों के 68 टन के वजन के मुकाबले महज 16 टन के ही होते हैं. लेकिन इनकी कीमत की बात करें तो भारतीय रेल डिब्बों के मुकाबले इनकी कीमत तीन गुना से ज्यादा पड़ेगी.