लिकर किंग विजय माल्या पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर एक विदेशी ट्रस्ट पर पड़ी है. इस ट्रस्ट को माल्या के पिता विट्ठल माल्या ने 1982 में बनाया था.
ईडी के अधिकारियों ने बताया है कि गोल्डन ईगल ट्रस्ट का मुख्यालय आइल ऑफ मैन में है, जो एक टैक्स हेवन है. अधिकारियों का कहना है कि भारत से बाहर भेजी गई और खासतौर से ब्रिटेन और अमेरिका में कई डील्स में इस्तेमाल हुई रकम का बड़ा हिस्सा इस ट्रस्ट में आने का शक है.
अधिकारियों ने कहा कि भारत से रकम पनामा, मोंटे कार्लो और लिखटेंस्टाइन जैसे टैक्स हेवंस में भी भेजी गई. ईडी की नजर दो और ट्रस्ट्स पर है. अधिकारियों का कहना है कि विजय माल्या ने इनका भी इस्तेमाल किया था.
जांचकर्ताओं का कहना है कि उनकी विशेष दिलचस्पी गोल्डन ईगल ट्रस्ट में है क्योंकि विदेश में माल्या की कई गतिविधियों की फाइनैंसिंग यह करता है. यूएस सिक्यॉरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन के पास जमा दस्तावेजों के अनुसार और ईडी की ओर से चल रही जांच के मुताबिक, इस ट्रस्ट के पैसों से कैलिफॉर्निया में मेंडोचिनो ब्रुइंग कंपनी खरीदी गई. माल्या अपनी इस कंपनी के मेजॉरिटी स्टेकहोल्डर हैं. इस ट्रस्ट के पास अमेरिका और कनाडा में किंगफिशर प्रीमियम बीयर के डिस्ट्रीब्यूशन राइट्स भी हैं.