देश की बेरोजगारी दर पांच हफ्ते की शीर्ष ऊंचाई पर पहुंच गई है. लॉकडाउन में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद जब इकोनॉमी अनलॉक हुई तो बेरोजगारी दर में गिरावट आई थी, लेकिन अब यह फिर बढ़ गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मुताबिक 9 अगस्त को खत्म हफ्ते में बेरोजगारी दर 8.67 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है.
क्या है बढ़ने की वजह
यह 12 जुलाई के बाद की सबसे ऊंची बेरोजगारी दर है. इसके पहले 2 अगस्त के हफ्ते में बेरोजगारी दर 7.19 फीसदी थी. असल में बुवाई का सीजन अब गांवों में खत्म हो गया है. बुवाई के काम में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर लग गए थे, लेकिन अब वे खाली हो गए हैं. इसके अलावा मॉनसून की बारिश बढ़ने की वजह से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात से भी रोजगार घटा है.
इसे भी पढ़ें: क्या वाकई शराब पर निर्भर है राज्यों की इकोनॉमी? जानें कितनी होती है कमाई?
जुलाई महीने की कुल बेरोजगारी दर भी 7.43 फीसदी ही थी. यानी अगस्त के पहले हफ्ते में बेरोजगारी इस औसत से भी ज्यादा हो गई है. मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक 9 अगस्त के हफ्ते में ग्रामीण बेरोजगारी दर 2 फीसदी बढ़कर आठ हफ्ते की ऊंचाई 8.37 फीसदी तक पहुंच गई. इसके पिछले पिछले हफ्ते में ग्रामीण बेरोजगारी सिर्फ 6.47 फीसदी थी. इसके पहले 14 जून के हफ्ते में ही ग्रामीण बेरोजगारी इससे ज्यादा 10.96 फीसदी की ऊंचाई तक थी.
इसी तरह शहरी बेरोजगारी दर भी 9 अगस्त के हफ्ते में फिर बढ़ते हुए 9.31 फीसदी तक पहुंच गई. इसके पिछले हफ्ते में शहरी बेरोजगारी 8.73 फीसदी थी. पूरे जुलाई महीने में शहरी बेरोजगारी दर 9.15 फीसदी थी.
इसे भी पढ़ें:...तो उत्तर प्रदेश में बसेंगे मिनी जापान और मिनी साउथ कोरिया!
शहरों में लौट रहे प्रवासी मजदूर
अर्थशास्त्रियों और एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब प्रवासी मजदूर गांवों से शहरों में लौट रहे हैं, क्योंकि अब गांवों में खेती आदि में अवसरों की बहुत कमी हो गई है. दूसरी तरफ, शहरों में निर्माण, कपड़ा सेक्टर आदि में गतिविधियां बढ़ने लगी हैं.