‘मैं तीन वचन देता हूं. मैं सरकार, प्रधानमंत्री और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से वायदा करता हूं.’ वित्त मंत्री पी चिदंबरम के ये तीन वचन देश की महिलाओं, युवाओं और गरीबों के लिए थे.
लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि मैं भारत के अधिकांश लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन रूपों का उल्लेख करना चाहूंगा. पहला महिला का रूप, वह बालिका है, युवा विद्यार्थी है, गृहिणी है, कामकाजी महिला है और मां है.
चिदंबरम ने कहा कि दूसरा रूप युवा का है. वह अधीर है, महात्वाकांक्षी है और दोनों ही नयी पीढी की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. तीसरा रूप गरीब व्यक्ति का है जो छोटी सी सहायता, छात्रवृत्ति या भत्ते या किसी सब्सिडी या पेंशन के लिए सरकार की ओर देखता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि इनमें से प्रत्येक को मैं सरकार प्रधानमंत्री और संप्रग अध्यक्ष (सोनिया गांधी) की ओर से वायदा करता हूं. इसके बाद चिदंबरम ने महिलाओं, युवाओं और गरीबों के लिए सरकार की ओर से चलायी जा रही या चलायी जाने वाली योजनाओं का जिक्र किया.