आम बजट 2014 के दस्तावेज संसद भवन में पहुंच चुके हैं. इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली करीब 8 बजकर 45 मिनट पर नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय पहुंचे. इसके बाद वह राष्ट्रपति भवन के लिए निकल गए. बजट पेश किए जाने से पहले 10 बजे मंत्रिमंडल की बैठक होगी. बैठक के बाद ही जेटली संसद जाएंगे. वह 11 बजे लोकसभा में बजट पेश करेंगे.
पूरे देश की निगाहें इस वक्त आज पेश होने जा रहे आम बजट की ओर टिकी हुई हैं. आम जनता हो या नौकरशाह, बड़ा कारोबारी हो या सियासतदान, हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर मोदी सरकार अपने पहले आम बजट के जरिए किस तरह 'अच्छे दिन' लाने वाली है.
वैसे इस बात की पूरी उम्मीद है कि मोदी के पहले बजट में इनकम टैक्स में छूट का दायरा बढ़ सकता है. साथ ही 2 लाख तक के इनवेस्टमेंट में टैक्स से रियायत मिल सकती है.
मोबाइल, लैपटॉप सस्ता होने की उम्मीद
अरुण जेटली के पहले बजट में कुछ चीजें सस्ती हो सकती हैं. ऐसी चीजों में मोबाइल व लैपटॉप शामिल हैं. आज हर किसी की जरूरत बन चुका मोबाइल सस्ता होने से लोगों के होठों पर मुस्कान तैरना लाजिमी है.
बजट प्रावधानों से राष्ट्रपति को अवगत कराएंगे जेटली
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और वित्त राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर उन्हें आम बजट के मुख्य प्रावधानों की जानकारी देंगे. राष्ट्रपति भवन ने बुधवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, 'वित्त मंत्री, राज्य मंत्री और अधिकारी परंपरा का पालन करते हुए कल (गुरुवार) 9.15 बजे राष्ट्रपति को बजट के मुख्य प्रावधानों की जानकारी देंगे.' आम बजट गुरुवार को संसद में सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा.
गुरुवार को पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली औद्योगिक और आर्थिक विकास को हवा देने के लिए सुधारवादी कदमों और टैक्स में छूट जैसे प्रावधानों की दवा दे सकते हैं. यह उम्मीद इसलिए भी की जा रही है, क्योंकि मोदी ने रोजगार बढ़ाने, महंगाई से निजात दिलाने और विकास में तेजी लाने जैसे वादे करके ही चुनावी बैतरनी पार की है.
माना जा रहा है कि पहले बजट में जेटली इनकम टैक्स में छूट का दायरा बढ़ाने वाले हैं. अभी दो लाख रुपये की वार्षिक आय को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. माना जा रहा है कि इसे बढ़ाकर तीन लाख किया जा सकता है. कुछ खास तरह के खर्चों पर टैक्स छूट की सीमा और पेंशन तथा जीवन बीमा पर टैक्स छूट की सीमा भी बढ़ाए जाने की उम्मीद है.
जेटली ने वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र के लिए उत्पाद शुल्क में छूट की अवधि को छह महीने के लिए पहले ही बढ़ा दिया है. माना जा रहा है कि वे निवेश और औद्योगिक विकास तेज करने के लिए टैक्स छूट के और भी कदम उठाएंगे.
जेटली ने हाल में कहा था कि सरकार अंधी लोकप्रियता के चक्कर में नहीं पड़ेगी और विकास में तेजी लाने तथा खर्च घटाने के लिए साहसिक कदम उठाएगी. सरकार वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लिए एक योजना बना सकती है.
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स (फिक्की) द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, बजट विकासोन्मुख होगा और इसमें उद्योग व निवेशकों की समस्याओं को दूर किया जाएगा.
अधिकतर कारोबारियों को उम्मीद है कि टैक्सेशन के पिछले प्रभाव से लागू होने की नीति समाप्त की जाएगी और जीएसटी व प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा. बीजेपी की चुनावी घोषणा को देखते हुए माना जाना चाहिए कि बजट में मूल्य स्थिरता कोष की घोषणा हो सकती है. सरकार सस्ते आवास क्षेत्र को भी बढ़ावा दे सकती है.
वित्त मंत्रालय विनिवेश के जरिए अधिक से अधिक आय हासिल करने का लक्ष्य रख सकती है. बुधवार को ही वित्त मंत्री ने संसद में 2013-14 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया.