मोदी सरकार के पहले बजट में महिलाओं और बुजुर्गों का भी खास ध्यान रखा गया है. बजट में महिलाओं के लिए 98,030 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. लोकसभा में गुरुवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना की घोषणा की और बालिका कल्याण के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित किए जाने की घोषणा की. जेटली ने देश में बलिकाओं के प्रति बरती जाने वाली उदासीनता के प्रति चिंता जताई.
जेटली ने कहा कि भारत उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में प्रमुख देश के रूप में उभरा है लेकिन बालिकाओं के प्रति अब भी देश के कई भागों में भेदभाव किया जाता है. उन्होंने बताया कि दिल्ली में महिलाओं के लिए संकट प्रबंधन केंद्र खोला जाएगा, इसके लिए राशि निर्भया कोष से दी जाएगी.
बड़े शहरों में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने की योजना पर 150 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. यह योजना गृह मंत्रालय चलाएगा. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी जिलों में सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में आपदा प्रबंधन केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है इसके लिए धन निर्भया कोष से उपलब्ध कराया जाएगा.
जेटली ने कहा कि सरकार बालिका और महिलाओं के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए विशेष अभियान चलाएगी. स्त्री-पुरूष के बीच भेदभाव दूर करने के लिए स्कूलों के पाठ्यक्रम में विशेष अध्याय शामिल किए जाएंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी सड़क परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रायोगिक योजना शुरू की जा रही है जिसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 50 करोड़ रुपए खर्च करेगा. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) फिर से शुरू किए जाएंगे. महिलाओं के लिए 100 जिलों में SEZ बनाए जाएंगे.
सीनियर सिटिजंस
वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर विशेष बल दिया गया है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीन लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना सीमित अवधि के लिए फिर शुरू करने का प्रस्ताव है. ईपीएफओ के सदस्यों के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन 1000 रुपए किया जाएगा. इसके अलावा 60 साल और इससे ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों के लिए पेंशन की व्यवस्था की जाएगी. वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण लिए 6000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है.