देश का आम बजट पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. आर्थिक सुस्ती के बीच पेश हो रहे इस बजट से हर वर्ग के लोगों को उम्मीद है. खासतौर पर मिडिल क्लास के लोग टैक्स स्लैब में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. मिडिल क्लास की इन उम्मीदों को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एस ए बोबडे का साथ मिला है. दरअसल, CJI एस ए बोबडे ने कहा है कि नागरिकों पर टैक्स का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए. CJI ने ये बात इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल के 79 वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में कही.
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टैक्स बोझ सरकार द्वारा सामाजिक अन्याय
एस ए बोबडे ने कहा कि टैक्स चोरी करना आर्थिक अपराध के साथ देश के बाकी नागरिकों के साथ सामाजिक अन्याय भी है. लेकिन अगर सरकार मनमाने तरीके से या फिर अत्यधिक टैक्स लगाती है तो ये भी खुद सरकार द्वारा सामाजिक अन्याय है.
CJI बोबडे ने कहा, 'टैक्स को शहद के रूप में निकाला जाना चाहिए. फूल को नुकसान पहुंचाए बिना अमृत खींचना है.' CJI बोबडे के मुताबिक टैक्सपेयर्स को उचित और शीघ्र विवाद समाधान मिलना चाहिए ताकि वो प्रोत्साहित हो सकें. इसके साथ ही एक कुशल टैक्स न्यायपालिका को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि टैक्सपेयर मुकदमेबाजी में ही न फंसे रहें.
CJI बोबडे ने ये बात ऐसे समय में कही है जब देश का आम बजट पेश होने वाला है. आर्थिक सुस्ती के बीच पेश हो रहा ये बजट काफी अहम माना जा रहा है. जानकारों की मानें तो सरकार सरकारी खर्चे को बढ़ाने के लिए कई बड़े फैसले ले सकती है. हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने के उपाय पर भी जोर दिया जा सकता है.
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न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अहम
इसके साथ ही CJI बोबडे ने न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में टेक्नोलॉजी का उपयोग अहम है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. कई ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा कवर किया जा सकता है.