नरेंद्र मोदी सरकार ने रक्षा बजट में इस साल मामूली इजाफा किया है. इस बार रक्षा बजट में 6 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. इसके साथ ही डिफेंस सेक्टर का बजट बढ़कर 3.37 लाख करोड़ रुपये हो गया है. पिछले साल रक्षा बजट 3.18 लाख करोड़ था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा बजट पेश करते हुए कहा कि हथियारों की खरीद और आधुनिकीकरण के लिए 1,10,734 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
हथियारों की खरीद के लिए 1,10,734 करोड़ का आवंटन
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अगर रक्षा बजट में रक्षाकर्मियों को दी जाने वाली पेंशन की राशि जोड़ दी जाए तो ये रकम बढ़कर 4.7 लाख करोड़ हो जाती है. केंद्र सरकार ने नये हथियारों की खरीद और आधुनिकीकरण के लिए 1 लाख 10 हजार 734 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. ये राशि पिछले साल के मुकाबले 10 हजार 340 करोड़ रुपये ज्यादा है.
पेंशन मद के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपये खर्च
रक्षाकर्मियों के पेंशन के लिए सरकार सबसे ज्यादा रकम खर्च कर रही है. इस मद में सरकार ने पिछले साल 1.17 लाख करोड़ रुपये जारी किए थे अब इस राशि को बढ़ाकर 1.33 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.
आशाजनक और प्रगतिशील बजट
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि 2020-21 के लिए पेश बजट आशाजनक, सक्रिय और प्रगतिशील है. उन्होंने कहा, "वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया नए दशक का पहला बजट नए और आत्मविश्वासी भारत की रूपरेखा पेश करता है. यह आशाजनक, सक्रिय और प्रगतिशील बजट है जो आने वाले वर्षो में भारत को समृद्ध बनाएगा."
रक्षामंत्री ने कहा कि आज बजट में उठाए गए कदमों से विकास को गति मिलेगी और नौकरियों के लिए नए अवसरों का सृजन होगा. उन्होंने कहा कि बजट न केवल निवेश के अनुकूल है, बल्कि यह किसानों की आय को दोगुना करने वाला है. बता दें कि केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है.
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नरेंद्र मोदी सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के सपने पर रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, देश 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की चाहत रखता है. बजट में सशक्त रूप से यह दर्शाया है कि 2024-25 तक हम इस लक्ष्य को पा लेंगे. रक्षामंत्री ने कहा कि इस बजट में शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, जल, स्वच्छता और कौशल विकास के लिए रणनीतिक आवंटन किए गए हैं. नए प्रौद्योगिकी अर्थव्यवस्था में निवेश हस्तक्षेप निश्चित ही स्वागतयोग्य कदम है.