मोदी सरकार के पहले बजट में कुछ सेक्टरों के लिए अच्छे दिन आने के संकेत मिल रहे हैं. वित्त मंत्री ने रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर को कई तरह की छूट और प्रोत्साहन दिए हैं.
अरुण जेटली ने इनमें एफडीआई का भी रास्ता खोला है. इसके अलावा अफोर्डबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इसके अलावा देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए उन्होंने 7060 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव रखा है. इनसे रियल एस्टेट सेक्टर को जबर्दस्त बढ़ावा मिलेगा.
देश में इस समय मकानों की बड़ी कमी है और सस्ते मकानों की कमी बढ़ती जा रही है. एक मोटे अनुमान के अनुसार इस समय देश में लगभग चार करोड़ सस्ते मकानों की जरूरत है. सरकार के इस कदम से सस्ते मकानों के निर्माण का रास्ता खुलेगा.
रियल एस्टेट में एफडीआई लाने के लिए वित्त मंत्री ने स्मार्ट सिटीज के मार्ग को तरजीह दी है. इससे छोटे बिल्डर विदेशों से एफडीआई ला सकेंगे. उनके लिए धन जुटाने का बहुत बड़ा रास्ता खुल गया है.
रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट निवेश का एक नया उपकरण है जिससे परियोजनाओं के लिए धन उगाहने का काम सुचारू रूप से हो सकता है. इससे भवन बनाने वालों को सुगम और सस्ते धन का रास्ता खुल जाएगा.
होम लोन के ब्याज पर इन्कम टैक्स में छूट से हाउसिंग को बहुत बढ़ावा मिलेगा. अब यह छूट डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी गई है. इससे मकानों की मांग बढ़ेगी.
2022 तक सभी के लिए मकान, सरकार का नया नारा है. अगर वह इसे पूरा करने की कोशिश करती है तो रियल एस्टेट सेक्टर के दिन फिर जाएंगे. ध्यान रहे कि रियल एस्टेट देश में रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है.