सरकार ने सूखा और कम बारिश की स्थिति में खरीफ की खड़ी फसल बचाने के लिए डीजल व बीज पर सब्सिडी सहित 300 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की आज घोषणा की है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की एक बैठक में इस बारे में फैसला किया गया. एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि खड़ी फसलों व बागानों की फसलों को बचाने के लिए तत्काल उपचारात्मक उपाय किए जाने की जरूरत है.
कम बारिश के चलते सूखे की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकारों के लिए सीसीईए ने निम्नलिखित उपाय किए हैं.
1) इस वित्त वर्ष के लिए 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आबंटन मंजूर किया गया है जिससे डीजल व बीज सब्सिडी उपलब्ध कराया जा सके, बागवानी फसलों को बचाया जा सके व चारे की आपूर्ति सुधारी जा सके. इसमें से 100 करोड़ रुपये फसलों की सिंचाई के लिए डीजल सब्सिडी योजना लागू करने के वास्ते आबंटित किया गया है.
2) योजना के तहत उन क्षेत्र के किसानों को जहां 15 जुलाई तक सामान्य से 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है, खड़ी फसल बचाने के लिए सिंचाई हेतु 50 प्रतिशत डीजल सब्सिडी दी जाएगी.
3) सीसीईए ने फसलों की फिर से बुवाई करने पर अतिरिक्त खर्च के लिए आंशिक मुआवजा देने के लिए बीज सब्सिडी पर सीमा बढ़ा दी है.
4) सीसीईए ने बागवानी फसलों पर सूखे का प्रभाव कम करने के लिए मिशन फार इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच) के तहत अतिरिक्त 150 करोड़ रुपये का आबंटन किया है.
5) सरकार ने उन इलाकों में जहां पशुओं के लिए चारे की कमी है, वृहद चारा विकास कार्यक्रम के लिए 50 करोड़ रुपये आबंटन को मंजूरी दी है.
इनपुट: भाषा