मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक में बीएसएनएल और एमटीएनएल को लेकर बड़ा फैसला किया है.दरअसल, कैबिनेट बैठक में बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय की योजना को मंजूरी दे दी गई है. लंबे समय से घाटे में चल रही इन दोनों सरकारी कंपनियों के लिए यह राहत की खबर है. बीते कुछ दिनों से ऐसी खबरें आ रही थीं कि दोनों सरकारी टेलिकॉम कंपनियों को सरकार बंद करने की योजना बना रही है. हालांकि बाद में सरकार की ओर से इस खबर को सिर्फ अफवाह बताया गया.
क्या कहा मोदी सरकार के मंत्री ने
कैबिनेट के फैसलों का ऐलान करते हुए टेलिकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने बताया कि अतीत में बीएसएनएल के साथ नाइंसाफी हुई है. हम बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय की योजना पर काम कर रहे हैं. रविशंकर प्रसाद के मुताबिक बीएसएनएल के लिए आकर्षक वीआरएस पैकेज लेकर आया जाएगा. इसके साथ ही 4 जी स्पेक्ट्रम के लिए करीब 4000 करोड़ रुपये बजटीय प्रावधान करेंगे. उन्होंने बताया कि अगले 4 साल में 38000 करोड़ रुपये को मोनेटाइज किया जाएगा. वहीं 15 हजार करोड़ के बॉन्ड भी जारी किए जाएंगे. घाटे में चल रही बीएसएनएल ने 4जी स्पेक्ट्रम आबंटन को लेकर 2015 में सरकार को आवेदन दिया था और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना पैकेज के बारे में मंजूरी मांगी थी जो 2009 से लंबित थी.इसके अलावा सरकार ने बताया कि दूसरी कंपनियां भी पेट्रोल-डीजल के रिटेल आउटलेट्स खोल सकेंगी.
कर्मचारियों को हो रही दिक्कत
Union Cabinet approves revival plan of BSNL (Bharat Sanchar Nigam Limited)&MTNL (Mahanagar Telephone Nigam Limited)&in-principle merger of the two. Spectrum of 4G to be allocated to Telecom PSEs (Public Sector Enterprises).VRS (voluntary retirement scheme) packages to be offered. https://t.co/KluEorlN9A
— ANI (@ANI) October 23, 2019
बीएसएनएल और एमटीएनएल की बदहाली की वजह से कर्मचारियों को लगातार दिक्कत हो रही है. उन्हें सैलरी मिलने में भी देरी हो रही है. दरअसल, बीएसएनएल को मासिक वेतन के रूप में 850 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ता है. अभी बीएसएनएल के पास करीब 1.80 लाख कर्मचारी हैं. बता दें कि वित्त वर्ष 2017-18 में बीएसएनएल का घाटा 7,992 करोड़ रुपये था. इससे पहले 2016-17 में कंपनी का घाटा 4,786 करोड़ रुपये रहा. इस हिसाब से सिर्फ 1 साल में 3,206 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.