जीडीपी की दूसरी तिमाही के आंकड़े जारी होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली को भरोसा है कि अगली तिमाही में और उछाल होगा. गुरुवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेटली ने कहा कि दो बड़े सुधार- नोटबंदी और जीएसटी हमारे साथ है. आने वाली तिमाहियों में भी अच्छा होगा. सबसे अहम पहलू ये है कि इस क्वार्टर का पॉजिटव रिजल्ट- मैन्यूफ्कैचरिंग में ग्रोथ से अहम बना है. फिक्स कैपिटल फॉर्मेशन 4.7 हो गया है. इससे साबित होता है कि इन्वेस्टमेंट बढ़ रहा है.
गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की GDP विकास दर दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में 6.3 फीसदी रही है. इससे पहले पहली तिमाही में यह विकास दर 5.7 फीसदी के साथ तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी. इस बार जीडीपी में इजाफा सरकार के लिए राहत भरी खबर है.
वहीं, वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जीडीपी में जितने फीसदी विकास का वादा किया था, उससे 6.3 फीसदी की विकास दर काफी कम है. इसके अलावा उन्होंने तंज कसते हुए ट्वीट किया, ''किसी निश्चित नतीजे पर पहुंचने से पहले हमको तीसरी और चौथी तिमाही की विकास दर के आंकड़े जारी होने का भी इंतजार करना चाहिए.''
6.3% is far below the PROMISE of the Modi government and far below the POTENTIAL of a well-managed Indian economy.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 30, 2017
वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि मई 2014 से आंकड़े देखें तो 13 क्वार्टर में हम 7 प्रतिशत आठ बार रहे. 6 प्रतिशत के नीचे एक बार गिरे, जो कि पिछले क्वार्टर में थे. अगर पिछले आंकड़ों से इसकी तुलना करेंगे, तो यह अलग दिखेगा. यह मैन्यूफैक्चरिंग और इनवेस्टमेंट के मूव करने से ग्रोथ बढ़ा है.We should wait for the growth rates over the next 3-4 quarters before we can reach a definite conclusion.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 30, 2017
वित्तमंत्री ने कहा कि पिछली पांच तिमाही में जीडीपी में लगातार गिरावट देखने को मिली थी. अब जीडीपी में 6.3 फीसदी विकास की दर से साफ है कि इसमें इजाफा होने लगा है. उन्होंने कहा कि सबसे अहम बात यह है कि इस बार जीडीपी की दर में सकारात्मक असर मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ने से दिखा है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद धीमी हुई अर्थव्यवस्था इससे निकल चुकी है. अब इसमें रफ्तार आने लगी है.
फिजिकल जीडीपी के सवाल पर जेटली ने कहा कि ये बढ़ेगा तो अनुअल जीडीपी भी बढ़ेगा. जीएसटी के लिए अब भी नया माहौल है. कृषि सेक्टर में थोड़ा बेस इफेक्ट है. मानसून के असर पर उन्होंने कहा कि पिछले साल का थोड़ा बेस इफेक्ट है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ने से स्वभाविक है कि मजबूती मिलेगी. इस दौरान वित्त सचिव हसमुख अढिया ने कहा कि आखिरी बार रिवाइज करने के बाद जीडीपी में इजाफा हुआ है.
केंद्रीय सांख्यिकी अधिकारी (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 5.7 फीसदी था. जीडीपी का यह स्तर बीते तीन साल का सबसे निम्नतम स्तर था. वहीं, पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के दौरान जीडीपी विकास दर 7.9 फीसदी थी, जबकि पहली तिमाही का आंकड़ा वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के 6.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी पर आ था. पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी थी. इससे पिछले साल जीडीपी की रफ्तार 7.9 फीसदी थी.
धीमा रही थी पहली तिमाही
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार काफी धीमी हुई थी. अप्रैल से जून के बीच अर्थव्यवस्था 5.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी. यह पिछली 13 तिमाहियों में सबसे धीमा था.