देश में आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है. यही वजह है कि बीते एक महीने में सरकार ने अलग-अलग सेक्टर के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. वहीं वित्तीय मसलों पर चर्चा के लिए बैठकों का दौर भी चल रहा है.
इसी के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (27 सितंबर) सचिवों और प्रमुख मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकारों के साथ बैठक करेंगी. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में कुल पूंजीगत व्यय से जुड़े मसलों पर चर्चा किए जाने की संभावना है. इसमें भविष्य की योजनाओं को लेकर भी विचार विमर्श किए जाने की संभावना है. वहीं बैठक के बाद निर्मला सीतारमण शाम 4 बजे के बाद मीडिया को संबोधित करेंगी.इस दौरान वह बैठक की जानकारी दे सकती हैं.
Union Finance & Corporate Affiars Minister Smt @nsitharaman be holding a meeting with Secretaries and Financial Advisors of key selected Ministeries to review total CAPEX by the Ministries in 2019-20 till now and plan for future CAPEX in current FY , today in New Delhi.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 27, 2019
इससे पहले गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्राइवेट सेक्टर के अलग-अलग बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद वित्त मंत्री ने कहा , " कुल मिलाकर, यह बैठक अच्छी और मजबूती देने वाली रही, जिसमें मैंने अच्छी और सकारात्मक चीजें सुनीं." सीतारमण ने साथ ही यह भी कहा कि आर्थिक सुस्ती अब अंत की ओर है और आगामी त्योहारी मौसम से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मदद मिलेगी. वहीं ऑटो सेक्टर में सुस्ती को लेकर भविष्य में इसमें सुधार होगा.
किस-किस सेक्टर को मिल चुकी है राहत?
आर्थिक तेजी के लिए सरकार ने मुख्य तौर पर हाउसिंग, कॉरपोरेट और बैंकिंग सेक्टर को राहत दी है. हाउसिंग सेक्टर के फ्लैट निर्माण में तेजी लाने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का फंड देने का ऐलान किया गया है तो वहीं बैंकिंग सेक्टर के लिए 10 सरकारी बैंकों के मर्जर की भी घोषणा की गई है. यही नहीं, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई रियायते दी हैं. इसी तरह बीते शुक्रवार को अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट सेक्टर के लिए कई बड़े तोहफे का ऐलान किया था. इसमें सबसे बड़ा ऐलान कॉरपोरेट टैक्स में छूट का था. वहीं निवेशकों को भी राहत दी गई.
ऑटो सेक्टर को मामूली राहत
हालांकि अब तक ऑटो सेक्टर को मामूली राहत मिली है. आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा ऑटो सेक्टर लगातार जीएसटी कटौती की मांग कर रहा है लेकिन अब तक सरकार की ओर से इसके पॉजीटिव संकेत नहीं दिए गए हैं. बीते दिनों जीएसटी काउंसिल की बैठक में भी इस मुद्दे पर कोई ऐलान नहीं हुआ.