केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने रेल बजट और रेल की चुनौतियों के सेशन में शिरकत की. इस सेशन का संचालन श्वेता सिंह ने किया. श्वेता ने मनोज सिन्हा से रेल बजट को आम बजट में शामिल किए जाने के बाद आम आदमी की उम्मीद पर सवाल किया.
मनोज सिन्हा ने संकेत दिया कि आगामी बजट में रेलवे सेफ्टी फंड की घोषणा की जा सकती है. इस फंड के जरिए कोशिश की जाएगी कि भारतीय रेल को जीरो एक्सीडेंट रेल बनाने की कवायद की जाएगी. सिंहा के मुताबिक यह कदम एनडीए की पिछली सरकार के समय भी उठाया गया था लेकिन उसके बाद मनमोहन सरकार में सेफ्टी फंड का मुद्दा ठंडे बस्ते में पड़ा रहा.
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि रेलवे की दिक्कत नई नहीं है. जब से देश में रेल शुरू हुई है तब से उसकी दिक्कतें भी पैदा हो रही है. जहां आजादी के बाद रेल यात्री में 20 गुना और रेल माल ढुलाई में 9 गुना इजाफा दर्ज हुआ है वहीं इन 70 साल के दौरान रेल नेटवर्क में महज 1.5 गुना वृद्धि हुई है. यही भारतीय रेल की सबसे बड़ी समस्या है. जहां पहले की सरकारें रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 40-50 हजार करोड़ रुपये तक खर्च करती थी वहीं मोदी सरकार ने पिछले साल एक लाख करोड़ रुपये का रेलवे बजट का प्रावधान किया था. आगामी बजट में भी उम्मीद है कि केन्द्र सरकार एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम रेलवे को मजबूत करने के लिए प्रावधान करेगी.
आगामी बजट में रेलवे को मजबूत करने के लिए सरकार कोशिश करेगी कि देश में यात्री गाड़ियों की तर्ज पर ही मालगाड़ियों को भी टाइम टेबल पर चलाए. वहीं रेलवे रूट के कंजेशन पर बोलते हुए सिंहा ने कहा कि देश में जिस रूट पर 100 गाड़ियां चलनी चाहिए उसपर मौजूदा समय में 150-160 गाड़ियां चलाई जा रही है. इस स्थिति से निपटने के लिए रेलवे तेजी के साथ डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण करा रही है. सिंहा ने बताया कि 2019 तक इस काम को पूरा कर लिया जाएगा जिसके बाद देश में रेल की रफ्तार को बढ़ाने और रूट से कंजेशन को कम करने में मदद मिलेगी.
सिन्हा ने बताया कि आगामी बजट में डबल डेकर ट्रेन के साथ साथ रेलवे के सुचारू रूप से चलने के लिए रेलवे बोर्ड के कामकाज का विकेन्द्रीकरण करने पर अहम घोषणा की जा सकती है.
मनोज सिन्हा ने बताया कि बीते दिनों में देखने को मिला है कि रेलवे आतंकवादियों के लिए सॉफ्ट टार्गेट रहा है. इसके लिए केन्द्र सरकार ने रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स को मजबूत करने के कई कदम उठाए हैं. सिन्हा के मुताबिक बिना सुरक्षा के रेलवे की रफ्तार बढ़ाने का काम नहीं किया जा सकता.