देश के करीब 40 करोड़ से ज्यादा असंगठित क्षेत्र के वर्करों की खातिर मोदी सरकार एक राष्ट्रीय मंच तैयार करने जा रही है. इसके साथ ही उन्हें एक यूनीक आईडी देने की भी तैयारी शुरू हो गई है. इस संबंध में श्रम मंत्रालय ने टेंडर जारी कर दिया है.
श्रम मंत्रालय की तरफ से 12 जून को यह टेंडर आधार आधारित आइडेंटिफिकेशन नंबर आवंटित करने और इनके लिए राष्ट्रीय मंच तैयार करने की खातिर जारी किया गया है.
यूनीक आईडी बनाने के पीछे उद्देश्य यह है कि इनके जरिये इन कर्मचारियों और इनके परिवार को अलग-अलग योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके. जो अभी इन्हें ना के बराबर मिलता है.
इस व्यवस्था के जरिये सरकार असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों का डाटाबेस तैयार करना चाहती है. इसी खातिर इन्हें आधार आधारित यूनीक आईडी नंबर दिया जाएगा. यह जो डाटाबेस तैयार होगा, इसे केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी इस्तेमाल कर सकेंगी.
बता दें कि केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारें भी इस क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग सामाजिक सुरक्षा योजनाएं चलाते हैं. यह राष्ट्रीय मंच अथवा पोर्टल तैयार हो जाने के बाद यह सुनिश्चित हो सकेगा कि कर्मचारियों को इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं.