महंगाई के मसले पर हंगामे के बाद सदन के दोनों सदनों की बैठक कल तक के लिए स्थगित हो गई है. बजट सत्र की शुरुआत के साथ बीजेपी समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने महंगाई पर चर्चा कराने की मांग शुरू कर दी. हालांकि पहले बीजेपी ने लोकसभा में महंगाई पर चर्चा के लिए काम रोको प्रस्ताव दिया था, लेकिन सरकार ने उसे ठुकरा दिया था.
महंगाई के मुद्दे पर अब तक एक कमजोर विपक्ष की भूमिका में रही बीजेपी भी दूसरी विपक्षी पार्टियों की तरह सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दी है. इससे पहले बीजेपी पार्लियामेंट्री की बैठक में पार्टी के तमाम सांसद सदन में सरकार को घेरने की रणनीति पर विचार किया. वहीं राज्यसभा में दोनों पक्ष बहस के लिए तैयार हैं.
लगता है कि प्रधानमंत्री को विपक्ष के तेवरों का अंदाजा हो ही गया था इसलिए बजट सत्र की शुरुआत में ही विपक्ष को शांति का संदेश दे डाला. लेकिन अब तक महंगाई के मुद्दे को भुनाने में नाकाम रही बीजेपी के तेवर तीखे हैं. पार्टी ने सरकार को दो टूक कह दिया है कि अब बहुत हो चुका. सदन में चर्चा होगी तो कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत, नहीं तो सदन नहीं चलेगा. लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि कार्यस्थगन स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा हो, नहीं तो सदन चलने नहीं दिया जाएगा.
जाहिर है सत्ता पक्ष हो या विपक्ष कांग्रेस से नाराज तमाम पार्टियां भी मंहगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए कमर कसे हुए हैं. ऐसे में सरकार ने भी नियमों की दुहाई देकर विपक्ष की मांग ठुकरा दी है. संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा है कि हम बहस के लिए तैयार हैं लेकिन उनकी मांग देख कर तो यही लगता है कि वे बहस नहीं चाहते वैसे राष्ट्रपति के भाषण के बाद का समय धन्यवाद प्रस्ताव का होता है लेकिन विपक्ष के तेवर को देख कर तो यही लगता है कि बजट सत्र में सरकार की राह आसान नहीं होगी.