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8 साल में शेयर बाजार से कमाया था 3038 करोड़, कैसे फेल हो गए CCD ओनर वी. जी. सिद्धार्थ!

कैफे कॉफी डे (CCD) के मालिक सिद्धार्थ सोमवार शाम से ही गायब हैं. उनकी कंपनी के ऊपर करीब  6547 करोड़ रुपये का कर्ज है, लेकिन हाल में आईटी कंपनी माइंडट्री में हिस्सेदारी बेचने से सिद्धार्थ को करीब 3269 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं.

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CCD के प्रमुख वी.जी. सिद्धार्थ
CCD के प्रमुख वी.जी. सिद्धार्थ

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कॉफी कैफे डे के मालिक वी.जी. सिद्धार्थ का गायब होना सबको चकित कर रहा है. कैफे कॉफी डे (CCD) के मालिक सिद्धार्थ सोमवार शाम से ही कर्नाटक में मंगलुरु के पास नेत्रावती नदी तट से गायब हैं. उनकी कंपनी के ऊपर करीब  6547 करोड़ रुपये का कर्ज है. उन्होंने देश भर में 1700 से ज्यादा कैफे कॉफी डे चेन को स्थापित किया है, जो युवाओं में काफी लोकप्रिय है और इसमें हजारों लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है. हाल में आईटी कंपनी माइंडट्री में हिस्सेदारी बेचने से सिद्धार्थ को करीब 3269 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं.

गौरतलब है कि हाल में यह चर्चा हुई थी कि कोका कोला भारत के इस सबसे बड़े कॉफी चेन में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है. सीसीडी को इससे 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये का वैल्यूएशन मिलने की उम्मीद थी. तो ऐसा लगता है कि सब कुछ ठीक चल रहा था.

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लेकिन सिद्धार्थ के गायब होने खबर के आते ही कैफे कॉफी डे का संचालन करने वाली कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज के शेयर 20 फीसदी से अधिक टूटकर 154 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आ गए और उसका बाजार पूंजीकरण 813 करोड़ रुपये घटकर 3254 करोड़ रुपये रह गया.

शेयरों में निवेश से कमाया मोटा मुनाफा  

आईटी कंपनी माइंडट्री में वी.जी. सिद्धार्थ ने करीब आठ साल पहले निवेश शुरू किया था. इस कंपनी में उन्होंने टुकड़ों-टुकड़ों में पिछले वर्षों में काफी निवेश किया और एक समय कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 20.41 फीसदी तक पहुंच गई. इसके लिए वी.जी. सिद्धार्थ ने करीब 410 करोड़ रुपये का निवेश किया था. हाल में जब L&T ने माइंडट्री पर अपना अधिकार किया तो उसने वी.जी. सिद्धार्थ की पूरी हिस्सेदारी खरीद ली. L&T ने यह हिस्सेदारी 3,269 करोड़ रुपये में लिया. यानी आठ साल में सिद्धार्थ को करीब 2,858 करोड़ रुपये का मोटा मुनाफा हुआ.

यही नहीं, उन्हें इन आठ साल में माइंडट्री से कुल 180 करोड़ रुपये का लाभांश भी हासिल हुआ था. इस तरह उन्हें कुल 3038 करोड़ का मुनाफा हासिल हुआ. इस हिसाब से उन्हें एक बेहद सफल निवेशक माना जा सकता है. लेकिन अब वह जिस तरह से लापता हैं और अपने लेटर में अपने को विफल कारोबारी बताया है, वह चकित करता है.

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पार्टनर और इनकम टैक्स अधिकारी का दबाव!

सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है जिसे सिद्धार्थ का गायब होने से पहले का लेटर बताया जा रहा है. इस कथित लेटर में सिद्धार्थ ने कहा है कि उन पर एक इक्विटी पार्टनर और एक इनकम टैक्स अधिकारी का दबाव था. इस लेटर में सिद्धार्थ ने कहा है, 'मैं यह कहना चाहूंगा कि मैंने अपना सब कुछ लगा दिया. मैं उन सब लोगों से क्षमा चाहूंगा जिन्होंने मुझमें भरोसा जताया. मैं लंबे समय तक लड़ा, लेकिन आज मुझे लगता है कि अब एक प्राइवेट इक्व‍िटी पार्टनर का और दबाव नहीं सह पाऊंगा जो मुझे शेयरों के बायबैक को मजबूर कर रहा था. करीब छह महीने पहले इसका आंशिक निपटारा मैंने एक दोस्त से भारी रकम उधार लेकर किया था.'

सिद्धार्थ ने अपने लेटर में लिखा है, 'इनकम टैक्स के एक पूर्व डीजी ने मुझे काफी प्रताड़ित किया. उन्होंने दो मौकों पर मेरे शेयर अटैच कर लिए जिससे माइंड ट्री के साथ हमारे सौदे में रुकावट आई. बाद में उन्होंने हमारे शेयरों की बिकवाली भी कर दी, जबकि हमने संशोधित रिटर्न दाखि‍ल कर दिया था. इसकी वजह से हमें नकदी की काफी समस्या झेलनी पड़ी.

(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)

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