शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ माल्या की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भारत सरकार से जेल का वीडियो मुहैया कराने का आदेश दिया है. दरअसल, प्रत्यर्पण होने की स्थिति में माल्या को मुंबई के आर्थर रोड स्थित केंद्रीय कारागार में रखा जाएगा.
माल्या की याचिका पर सुनवाई कर रही जज ने भारतीय अधिकारियों को कहा कि प्रत्यर्पण होने की स्थिति में जिस जेल में माल्या को रखा जाएगा, इस जेल का वीडियो अदालत में जमा करवाएं. लंदन की अदालत ने भारतीय अधिकारियों को यह भी कहा कि जेल की वीडियोग्राफी दिन के उजाले में होनी चाहिए. बहरहाल, माल्या को कोर्ट ने राहत देते हुए बेल दे दी है. अब मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी.
London's Westminster court grants bail to Vijay Mallya. Next hearing in the extradition case against Vijay Mallya will be on September 12. pic.twitter.com/HPaFPQIpI7
— ANI (@ANI) July 31, 2018
इससे पहले कोर्ट में विजय माल्या ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं. गौरतलब है कि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मुखिया माल्या भारत को उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ ब्रिटेन की अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर हैं.
इस मामले में भारतीय एजेंसियों का पक्ष रख रही क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के प्रवक्ता ने कहा, "वरिष्ठ डिस्ट्रिक्ट न्यायाधीश एम्मा अर्बुथनाट मामले में अंतिम सुनवाई करेंगी. फैसले को आगे की तारीख के लिये सुरक्षित रखा जायेगा. पिछली सुनवाई (27 अप्रैल) के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को उस समय बड़ी कामयाबी मिली थी जब न्यायाधीश अर्बुथनाट ने मामले में भारतीय एजेंसियों द्वारा पेश सबूतों को स्वीकार किया था.
आपको बता दें कि माल्या पर भारतीय बैंकों के साथ कर्ज में 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग का आरोप है और वह अपने को भारत को सौंपे जाने की भारतीय एजेंसियों की ओर से दाखिल अर्जी का विरोध कर रहे हैं. फिलहाल 9 हजार करोड़ रुपए के कर्जदार माल्या पिछले 2 साल से लंदन में स्वनिर्वासित रह रहे हैं.