आईडीबीआई बैंक ने विजय माल्या को विलफुल डिफाल्टर घोषित किया है. किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 1,566 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने को लेकर बैंक ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है. इस नोटिस पर माल्या की पुरानी पासपोर्ट साइज की फोटो लगी हुई है.
मुंबई में IDBI बैंक एनपीए मैंनेजमेंट ग्रुप ने अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के विलफुल डिफाल्टर को लेकर एक सार्वजनिक नोटिस जारी की. किंगफिशर एयरलाइंस कर्जदार थी और विजय माल्या इसके निदेशक व गारंटर थे.
क्या होते हैं विलफुल डिफाल्टर
विलफुल डिफाल्टर का मतलब हाेता है ऐसा डिफाल्टर जो जानबूझ कर पैसा नहीं देना चाह रहा. नोटिस में विजय माल्या की पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर है और उसका पता यूबी टॉवर बेंगलुरू दिया गया है. विजय माल्या फिलहाल लंदन में है और भारत सरकार ने उसके प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, आईडीबीआई बैंक ने इस नोटिस के माध्यम से जनता को सूचित और आगाह किया है कि कोई भी व्यक्ति कर्जदार/ गारंटर की किसी भी संपत्ति के साथ सौदा नहीं करेगा, क्योंकि उससे भारी रकम वसूल की जानी है.
क्या कहना है माल्या का
गौरतलब है कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने हाल में एक बार फिर यह पेशकश की है कि वह भारतीय बैंकों का शत-प्रतिशत कर्ज चुकाने को तैयार है. बैंकों के करीब 9 हजार करोड़ रुपये के लोन न चुकाने, जालसाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ब्रिटेन में मुकदमे का सामना कर रहे विजय माल्या ने ट्वीट कर यह ऑफर दिया है.
विजय माल्या पहले भी ऐसी पेशकश कर चुका है. विजय माल्या ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लोकसभा में दिए एक बयान का हवाला देकर 100 फीसदी सेटलमेंट की पेशकश की है.
इसके पहले जुलाई महीने में माल्या को लंदन की अदालत से बड़ी राहत मिली है. भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ माल्या की अपील को लंदन हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए एजेंसियां काफी दिनों से मशक्कत कर रही हैं, ऐसे में उनकी कोशिश है कि जल्द से जल्द उसे लाया जा सके. विजय माल्या ने प्रत्यर्पण को लेकर अपील की थी, अगर ये अपील रद्द होती तो उसके पास अंतरराष्ट्रीय कोर्ट या फिर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जाने का भी रास्ता होता.
बैंकों से धोखाधड़ी के मामले में आरोपी विजय माल्या जांच के दौरान ही मार्च 2016 में लंदन भाग गया था. दिसंबर 2018 में लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या को भारत भेजने का फैसला सुनाया था.