scorecardresearch
 

विजाग गैस रिसाव केस: LG पॉलीमर्स की बढ़ी मुश्किल, NGT ने माना लापरवाही का दोषी

नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) ने इस मामले में कंपनी को लापरवाही का दोषी माना है. गत 7 मई को LG पॉलीमर्स के विजाग स्थित एक प्लांट से करीब 800 टन खतरनाक स्टाइरीन गैस का रिसाव हुआ था. इसकी वजह से 12 लोगों की मौत हो गई थी और 3,000 लोगों को गंभीर हालत में अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा था.

Advertisement
X
LG पॉलीमर्स के प्लांट से हुआ था गैस रिसाव
LG पॉलीमर्स के प्लांट से हुआ था गैस रिसाव

Advertisement

  • विजाग प्लांट वाली कंपनी LG पॉलीमर्स की बढ़ी मुश्किल
  • कंपनी के प्लांट से हुआ था स्टाइरीन गैस का रिसाव
  • एनजीटी ने कंपनी को लापरवाही का दोषी माना है

आंध्र प्रदेश में विजाग के एक प्लांट में गत 7 मई को खतरनाक स्टाइरीन गैस के रिसाव और इससे 12 लोगों की मौत के मामले में प्लांट की ओनर कंपनी LG पॉलीमर्स की मुश्किल बढ़ गई है. नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) ने इस मामले में कंपनी को लापरवाही का दोषी माना है.

क्या है मामला

गौरतलब है कि गत 7 मई को LG पॉलीमर्स के विजाग स्थित एक प्लांट से करीब 800 टन खतरनाक स्टाइरीन गैस का रिसाव हुआ था. इसकी वजह से 12 लोगों की मौत हो गई थी और 3,000 लोगों को गंभीर हालत में अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा था. यह रिसाव एक टैंक से हुआ था जो काफी पुराना था, उसमें टेम्परेचर मॉनिटर करने वाला गॉज या स्प्रिंकलर सिस्टम नहीं था. एनजीटी द्वारा गठित एक समिति ने कंपनी प्रबंधन पर यह आरोप लगाया है कि यह दुर्घटना उनकी लापरवाही से हुई है.

Advertisement

उठे गंभीर सवाल

जब कंपनी के प्लांट में यह दुर्घटना हुई तो वहां कई प्लांट में करीब 3285 टन स्टाइरीन गैस थी. इसके अलावा कंपनी ने विजाग पोर्ट पर ए​क निजी कंपनी ईस्ट इंडिया कॉरपोरेशन से 10,000 किलोलीटर के दो और टैंक भी ले रखे थे. इसलिए यह सवाल पूछा जा रहा है कि इतने बड़े पैमाने पर स्टाइरीन जैसी जहरीली गैस कंपनी ने क्यों इकट्ठा किया?

इसे भी पढ़ें: कोरोना के बीच चीन में होने लगी फार्मा निर्यात रोकने की बात, देश में क्यों नहीं बन सकता API?

इस दुर्घटना के बाद LG पॉलीमर्स की मूल कंपनी दक्षिण कोरिया के LG केम से कहा गया है कि वो अपना सारा केमिकल यहां से वापस दक्षिण कोरिया ले जाए.

एनडीआरएफ की टीम और आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं. सख्त निर्णय लेते हुए कंपनी से कहा गया कि वह सबसे पहले प्लांट में रखे गैस को तट के पास मौजूद टैंक में ले जाए और वहां से फिर जहाजों में उसका लदान करे.

इसके बाद मई में कंपनी ने करीब 7,000 टन स्टाइरीन गैस एक जहाज पर लोड कर उसे दक्षिण कोरिया भेज दिया.

इसे भी पढ़ें:...तो उत्तर प्रदेश में बसेंगे मिनी जापान और मिनी साउथ कोरिया!

Advertisement

मुआवजा देने का आदेश

कंपनी को इस घटना के लिए जिम्मेदार मानते हुए NGT की जॉइंट कमिटी ने यह भी आदेश दिया है कि वह इस घटना में मारे गए सभी लोगों के ​परिजनों को मुआवजा दे. राज्य सरकार ने पहले ही सभी मृतकों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. इसके अलावा इस घटना में मारे गए 22 पशुओं के मालिकों को भी मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया है.

Advertisement
Advertisement