वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के प्रेसिडेंट बोर्जे ब्रेंडी ने कहा कि भारत कई देशों के लिए बड़े निवेशक की भूमिका निभा रहा है. ब्रेंडी ने कहा कि लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी और कांग्रेस में प्रतिस्पर्धा इस बात के लिए होनी चाहिए कि कौन बेहतर औद्योगिक नीतियां देता है. दावोस में इंडिया टुडे टीवी के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से एक खास बातचीत में उन्होंने यह बात कही.
WEF के प्रेसिडेंट ने कहा, 'नेपाल, म्यांमार जैसे देशों में निवेश के मामले में भारत अब चीन से मुकाबला कर रहा है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की प्राथमिकता में अभी भी भारत का प्रमुख स्थान है.' गौरतलब है कि दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का आयोजन हो रहा है.
WEF के लिए भारत कितना जरूरी है
पिछले साल दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भारत पर काफी फोकस था. तब इस कार्यक्रम में पीएम मोदी भी शामिल हुए थे. ऐसे में जब इस साल भारत चुनाव की ओर जा रहा है, क्या WEF की प्राथमिकता में बना हुआ है? इस सवाल पर ब्रेंडी ने कहा, ‘भारत हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हमने पिछले साल जब CII के सहयोग से मुंबई में इंडिया इकोनॉमिक समिट का आयोजन किया था, तो उसमें भारत सरकार के कई वरिष्ठ लोगों से मिले थे. भारत ने सुधार की इच्छा जताई है और स्किल पर काम हो रहा है.'
क्या आप मोदी सरकार से इस बात पर निराश हैं कि वह रिफॉर्म्स को तेजी से आगे नहीं बढ़ा रही? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हमने अपनी कॉम्पीटिटिवनेस रिपोर्ट में बताया है कि भारत ने पिछले साल के मुकाबले बेहतर काम किया है. लेकिन अभी काफी आगे जाना है. उद्यमिता पर जोर देने, ब्यूरोक्रेसी की अचड़न को खत्म करने में भारत ने अच्छा काम किया है, लेकन अभी काफी कुछ करना होगा. अभी काफी सुधार किया जाना है, अभी भी गरीबी है. क्वॉलिटी एजुकेशन वाले स्कूलों का अभाव है. ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूल भेजना होगा, वर्ल्ड क्लास स्कूल बनाने होंगे. भारत में हार्वर्ड, प्रिंसटन जैसे यूनिवर्सिटी बनानी होंगी.'
GST पर क्या है राय
जीएसटी के बारे में सवाल पर बोर्जे ब्रेंडी ने कहा कि बहुत से देश अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में बेहतर कर रहे हैं और वे कई तरह के टैक्स लगाते हैं. ऐसा टैक्स सिस्टम होना चाहिए जहां हर कोई टैक्स देता हो. उन्होंने कहा, 'टैक्स किसी भी सभ्य देश के लिए जरूरी होता है. सरकार को राजस्व जुटाना होता है, पुलिस, स्वास्थ्य, स्कूल आदि पर खर्च के लिए यह जरूरी है. टैक्स इस तरह से भी होने चाहिए कि असमानता न हो. आप देख रहे हैं कि अब ज्यादातर व्यापार सूचनाओं के प्रवाह के रूप में बढ़ रहा है, इसलिए अब टैक्स किस तरह से लगाया जाए, यह सरकारों को सोचना होगा. इसके लिए कोई स्मार्ट तरीका अपनाना होगा.
चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत का स्थान कहां है ?
इस सवाल पर उन्होंने कहा, 'भारत को क्वालिटी ऑफ एजुकेशन और बेहतर करना होगा, बुनियादी ढांचा निवेश में काफी गुंजाइश है. भारत में सुधारों पर जोर दिया जा रहा है और काफी मेहनती लोग हैं, जो चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए जरूरी है. भारत के पास आगे बढ़ने का मौका है.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैकिंग में भारत ने लंबी छलांग लगाई है. लेकिन ब्रेंडी का मानना है कि अभी भी भारत के सामने कई चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा, 'भारत फेडरल स्टेट है, और राज्यों का अलग नियम कायदा है, विदेशियों को इसे समझने में दिक्कत होती है, भारत को इसे देखना होगा. वैश्विक सुस्ती से भी भारत बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकता है. भारत में 6 से 7 फीसदी की ग्रोथ जरूरी है, ताकि जॉब, जरूरी रेवेन्यू, हासिल हो सके और भारत को इनक्रेडिबल बनाया जा सके.'