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इकोनॉमी के लिए शुभ होगा नया साल, मोर्गन स्टेनली समेत इनका है अनुमान

सीएसओ ने वित्त वर्ष 2017-18 में देश की जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. भले ही पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह अनुमान कम का है, लेकि‍न पिछली तिमाही के मुकाबले यह बेहतर है. इससे ये साफ हो गया है कि नोटबंदी और जीएसटी का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है. इससे पहले वैश्व‍िक संस्थाएं भी कह चुकी हैं कि इस साल भारत को इकोनॉमी के मोर्चे पर और भी खुशखबर‍ियां मिल सकती हैं.

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पीएम मोदी
पीएम मोदी

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सीएसओ ने वित्त वर्ष 2017-18 में देश की जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. भले ही पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह अनुमान कम का है, लेकि‍न पिछली तिमाही के मुकाबले यह बेहतर है. इससे ये साफ हो गया है कि नोटबंदी और जीएसटी का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है. इससे पहले वैश्व‍िक संस्थाएं भी कह चुकी हैं कि इस साल भारत को इकोनॉमी के मोर्चे पर और भी खुशखबर‍ियां मिल सकती हैं.

सेंटर फॉर इकोनॉमिक्‍स एंड बिजनेस रिसर्च (Cebr) कंसलटेंसी फर्म का कहना है कि साल 2018 भारतीय इकोनॉमी के लिए काफी अहम साबित होने वाला है. नये साल में भारत की इकोनॉमी दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा. Cebr ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि साल 2027 तक भारतीय इकोनॉमी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी.

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कसलटेंसी के डेप्यूटी चेयरमैन डगलस मैकविलियम्स ने वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल का हवाला देते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के शुरुआती झटकों के बावजूद 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और  फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए (डॉलर में ) दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी.

वहीं, वैश्व‍िक वित्तीय कंपनी मोर्गन स्टेनली ने कहा है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर बेहतर स्थ‍िति में रहेगी. फर्म के मुताबिक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर साल 2018 में 7.5 फीसदी रहेगी. साल 2017 में जीडीपी की वृद्ध‍ि दर 6.4 फीसदी रही.

मोर्गन स्टेनली ने 2018 में जहां इसके 7.5 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है. इसके बाद इसमें रफ्तार का रुझान दिखेगा. इसकी वजह से 2019 में वृद्ध‍ि दर 7.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. एजेंसी के मुताबिक कंपनियों के लाभ और बैलेंसशीट में बुनियादी सुधार हो रहा है। इससे वित्तीय प्रणाली मजबूत होगी तथा निवेश के लिए ऋण मांग की जरूरत पूरी करने में सक्षम होगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि ये सभी बातें 2018 में आर्थिक गति का मार्ग प्रशस्त करेंगी और वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर इस साल के 6.4 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।

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इससे पहले विश्व बैंक भी साल 2018 भारत के लिए शुभ रहने का अनुमान लगा चुका है. विश्व बैंक और एचएसबीसी ने भी कहा है कि नये साल में जीडीपी के आंकड़ों में सुधार होगा. इनके मुताबिक नोटबंदी और जीएसटी का बुरा असर भी इस साल खत्म हो जाएगा और इकोनॉमी के अच्छे दिन आएंगे.

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