दिवाली के लिए तैयारी और खरीदारी दोनों ही शुरू हो चुकी हैं. लोग अपने लिए और अपने प्रियजनों के लिए भी खरीदारी कर रहे हैं. अपने लिए खरीदारी तो धनतेरस के दिन ही होगी. अब सवाल है कि उस दिन क्या खरीदा जाए? इस समय बाजार में बहुत विकल्प हैं और ये आपके लिए परेशानी का सबब है. क्योंकि जितना सामान उतनी ही कन्फ्यूजन.
आज भी धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदना न केवल शुभ माना जाता है बल्कि यह आर्थिक दृष्टि से समझदारी भरा फैसला भी है. बर्तन खरीदना आपकी जरूरत हो सकते हैं और होम ऐप्पलायंस आपकी कार्यकुशलता बढ़ा देंगे. पर सोने-चांदी की बात ही अलग है. उनमें कुछ खास बात है और इसलिए वे सदियों से धनतेरस पर खरीदें जाते हैं. दरअसल ये दोनों धातु न केवल बेशकीमती हैं बल्कि इनका सिक्योरिटी पर्पस भी है. यानी ये बुरे वक्त के सबसे बड़े साथी हैं. सोना तो खास तौर से इसी उद्देश्य से खरीदा जाता है और जब पिछले दिनों सारी दुनिया एक मंदी से जूझ रही थी तो इसके दाम बढ़ते जा रहे थे. सभी देशों में लोग इसे खरीद रहे थे क्योंकि वे एक अनिश्चित भविष्य की आशंका से परेशान थे.
अब इस धनतेरस में खुशी की बात यह है कि सोना और चांदी दोनों की कीमतें काफी गिर चुकी हैं. सोना और चांदी दोनों अपने अधिकतम से काफी कम पर आ चुके हैं. यह आपके लिए फायदे का सौदा है. राजधानी दिल्ली में सोना स्टैंडर्ड इस समय गिरकर 27,400 रुपये प्रति दस ग्राम पर है जबकि चांदी तो बहुत नीचे पहुंचकर 38,800 रुपये प्रति किलो पर जा पहुंची है. इन दोनों में भी अभी सटोरिये सक्रिय नहीं हैं और यह अच्छी बात है क्योंकि जब वे सक्रिय होंगे तो सोने-चांदी की कीमतें बढ़ेंगी.
सोना और चांदी खरीदने के समय एक सवाल यह उठता है कि क्या सिक्के खरीदे जाने चाहिए. अगर आप सिक्के खरीद रहे हैं तो ऐसी जगह से लें जहां उस पर मुहर लगती हो या पक्की रसीद मिलती हो जैसे सरकारी संस्था एमएमटीसी या बैंक. इनसे खरीदने पर ठगे जाने की आशंका नहीं रहेगी और आपको रीसेल वैल्यू मिलेगी. इस समय सोने के आठ ग्राम के सिक्के थोक में 24,200 रुपये में मिल रहे हैं जबकि चांदी के सिक्के थोक में 680 रुपये में मिल रहे हैं. आप अपने बजट के अनुसार इनकी खरीदारी कर सकते हैं.
ज्वेलरी खरीदने में एक ही खतरा है. पहले तो आपको सुनिश्चित करना होगा कि उसमें मिलावट तो नहीं है. फिर आपको यह देखना होगा कि जब आप उसे दोबारा बेचेंगे या गढ़वाएंगे तो स्वर्णकार उसमें कुछ पैसे काट लेगा. इसलिए यह एक अच्छा विकल्प नहीं है. अगर आपका बजट आपको इजाजत देता है तो आप सोने के बार-बिस्किट खरीदें. इनमें स्विस बैंक या अन्य बैंकों की मुहर होती है. इसकी रीसेल वैल्यू काफी बढ़िया होता है.
एक और बात है कि बैंकों से खरीदे गए सोने के साथ समस्या यह होती है कि वे ग्राहकों से फिर खरीदी नहीं करते. यानी आपको उन्हें खुले बाजार में बेचना होगा और इसके लिए जरूरी है कि दुकानदार विश्वसनीय हो. इस समय सोने या चांदी में खरीदारी में समझदारी है क्योंकि इनके भाव इस समय कम यानी सही स्तर पर हैं. नई सरकार आने पर यह उम्मीद बंधी थी कि वह इस पर लगे दस प्रतिशत आयात ड्यूटी को घटाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और निकट भविष्य में होने की कोई गुंजाइश भी नहीं है. इसलिए आप सोना खरीदकर एक बढ़िया निवेश कर सकेंगे.
'द बुलियन ऐंड ज्वेलर्स एसोसिएशन' के महासचिव योगेश सिंघल का कहना है कि अगर देश में कोई बड़ा आर्थिक बदलाव नहीं होगा तो सोने के रेट आगे चलकर थोड़ा ऊपर ही जाएंगे. यानी अब सोने के भाव नीचे जाने के आसार कम ही हैं. यह एक उचित स्तर पर है. यही हाल चांदी का भी है. लगभग दो साल पहले चांदी 75,000 रुपये प्रति किलो के भाव पर थी और आज इसके आधे पर है. ऐसे में इसकी खरीदारी तो फायदे का सौदा है. यह इससे नीचे तो जाती नहीं दिखती, यह ऊपर ही जाएगी.