चुनावी नतीजों से पहले महंगाई के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है. दरअसल, अप्रैल महीने में थोक महंगाई दर में कमी आई है. अप्रैल में थोक महंगाई दर 3.07 फीसदी रही जबकि मार्च में यह आंकड़ा 3.18 फीसदी था. इस तरह 0.011 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. अगर सालाना आधार पर बात करें तो अप्रैल 2018 में थोक महंगाई दर के आंकड़े 3.63 फीसदी थे.
आंकड़ों पर गौर करें तो अप्रैल में अंडे और चिकन की महंगाई दर 5.84 फीसदी से बढ़कर 6.94 फीसदी हो गई है. इसी तरह आलू की महंगाई दर 1.30 फीसदी से गिरकर -17.15 फीसदी पर आई गई है.जबकि सब्जियों की महंगाई दर 28.13 फीसदी से बढ़कर 40.65 फीसदी पर पहुंच गई है.
इससे पहले सोमवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए गए. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में खाद्य पदार्थो और ईंधन की कीमतें बढ़ने की वजह से अप्रैल में खुदरा महंगाई दर बढ़ी है. अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 2.92 फीसदी दर्ज की गई, जबकि इससे पिछले महीने मार्च में खुदरा महंगाई दर 2.86 फीसदी दर्ज की गई थी. हालांकि सालाना आधार पर तुलना करें तो कुछ कमी आई है. पिछले साल अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 4.58 फीसदी दर्ज की गई थी.
अप्रैल में सब्जियों, अंडों, मांस और मछलियों के दाम में वृद्धि होने से सालाना आधार पर महंगाई दर में इजाफा हुआ. हालांकि, दलहन और चीनी के दाम में कमी आई. आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों के दाम में 2.87 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और दुग्ध उत्पादों के दाम में 0.42 फीसदी का इजाफा हुआ. अनाज और इसके उत्पादों के दाम में 1.17 फीसदी, जबकि मांस और मछलियों के दाम में 7.55 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
अगले महीने आरबीआई की बैठक
बता दें कि जून में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक होने वाली है. इस बैठक में ब्याज दरों को लेकर फैसले लिए जाते हैं. बीते दो बैठकों से रेपो रेट में कटौती की है. बता दें कि रेपो रेट के आधार पर भी बैंक ब्याज दर को निर्धारित करते हैं.