देश की किफायती विमानन कंपनी स्पाइस जेट को तेल कंपनियों (OMC) द्वारा बकाया भुगतान के लिए मोहलत देने से इनकार करने के बाद बुधवार को इसकी उड़ानें काफी देर तक थमी रहीं. स्पाइस जेट अब पूरी तरह से संघर्ष की राह पर चल पड़ा है. उसे मजबूरी में सैंकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ रही हैं. मौजूदा अनिश्चितता की वजह से स्पाइसजेट के एक महीने से ज्यादा की एडवांस बुकिंग करने पर रोक लगा दी गई है.
स्पाइस जेट को बचा लीजिए...
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर स्पाइस जेट इस वक्त खस्ताहाल क्यों है? आगे उन्हीं 5 कारणों की चर्चा की गई है...
1. स्पाइस जेट ज्यादा खर्च और कम आमदनी की वजह से सबसे ज्यादा परेशान है. ईंधन की ज्यादा कीमत, रख-रखाव का खर्च, एयरपोर्ट का शुल्क भी इसकी समस्याओं में शामिल हैं.
2. स्पाइस जेट की समस्याओं में मौजूदा दौर की किराए की स्पर्धा भी है. हर कंपनी के बीच मुसाफिरों को लुभाने के लिए कम किराए को लेकर एक तरह की जंग छिड़ी हुई है. यात्री कम किराया वसूलने वाली कंपनी से अपने टिकट बुक करवा रहे हैं. ऐसे में स्पाइस जेट टिक नहीं पा रही है.
3. स्पाइस जेट को अपने रूटों पर भी भारी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी को यहां भी कड़ी टक्कर मिल रही है.
4. तेल कंपनियों ने स्पाइस जेट को कैश एंड कैरी श्रेणी में डाल रखा है, जिसके तहत कंपनी को हर बार तेल खरीदने के लिए भुगतान करना पड़ता है. स्पाइस जेट का रोज का ईंधन खर्च करीब पांच करोड़ रुपये है, जबकि कंपनी पर OMC का 14 करोड़ रुपये बकाया है. सितंबर में समाप्त तिमाही में कंपनी को 310 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जो एक साल पहले समान अवधि में 560 करोड़ रुपये था.
5. कंपनी अभी सिर्फ 26 विमानों का संचालन करती थी, जबकि इस साल के शुरू में वह 35 विमानों का संचालन कर रही थी. इस तरह विमान कम करने का भी उसका दांव बेकार जा रहा है.
बहरहाल, कंपनी का ऑडिट करने वाले एसआर बाटलीबोई एंड एसोसिएट्स ने कंपनी के लाभ में चलते रह पाने की संभावना पर संदेह जताया है. कंपनी फिलहाल प्रति दिन 250 उड़ानों का संचालन करती है. इनमें से अधिकतर उड़ानें दिल्ली और मुंबई से होती हैं.