भारत के आधार डिजिटल पहचान पत्र की तारीफ करते हुए विश्व बैंक ने कहा है कि इस पहल से भ्रष्टाचार पर लगाम के चलते भारत सरकार को सालाना करीब एक अरब डॉलर (करीब 650 करोड़) की बचत हो रही है. साथ ही बहुपक्षीय संस्था ने कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी समावेश, दक्षता और इनोवेशन को बढ़ावा दे सकती हैं.
विश्वबैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने डिजिटल लाभ पर रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, हमारा अनुमान है कि आधार डिजिटल पहचान पत्र से भ्रष्टाचार कम होने के कारण भारत सरकार के लिए सालाना करीब एक अरब डॉलर (650 करोड़ रुपये) की बचत हुई.
यह राजकोषीय बजटिंग के लिए मददगार है. अन्य उपयोगी सेवाएं प्रदान करने में भी यह मददगार है. उन्होंने विश्वबैंक के मुख्यालय में कहा, भारत की आधार डिजिटल पहचान प्रणाली के दायरे में करीब एक अरब लोग आ चुके हैं जिससे गरीबों तक सेवाओं की पहुंच आसान हो गई है और सरकार के लिए कल्याणकारी सेवाओं की आपूर्ति आसान हो गई है.
विश्वबैंक ने कहा कि भारत अपनी संपूर्ण 1.25 अरब की आबादी को आधार डिजिटल पहचान पत्र प्रदान करने की प्रक्रिया में है. बैंक ने कहा कि इससे सरकार को अपनी कल्याणकारी योजनाओं में वंचितों को शामिल करने में मदद मिलेगी.