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विश्व बैंक ने मोदी सरकार की पीठ थपथपाई, कहा- 85 फीसदी लोगों को मिल रही बिजली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर गांव में बिजली पहुंचाए जाने के दावे को लेकर शुरू हुए दावे के बीच इस मोर्चे पर विश्व बैंक ने मोदी सरकार की पीठ थपथपाई है.

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पीएम मोदी (File Photo)
पीएम मोदी (File Photo)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर गांव में बिजली पहुंचाए जाने के दावे के करीब एक हफ्ते के बाद इस मोर्चे पर विश्व बैंक ने भी मोदी सरकार की पीठ थपथपाई है. विश्व बैंक ने कहा है कि देश में सबको बिजली देने के मामले में सरकार का प्रदर्शन बहुत अच्छा है. मौजूदा समय में देश की 85 फीसदी जनता के पास बिजली पहुंच चुकी है.

हर साल 3 करोड़ लोगों को बिजली

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2010 से 2016 के बीच भारत ने हर साल 3 करोड़ लोगों को बिजली मुहैया कराई है. यह अन्य किसी भी देश के मुकाबले काफी ज्यादा है. इसके साथ ही वैश्व‍िक संस्था ने सरकार को इससे जुड़ी चुनौतियों की भी याद दिलाई. विश्व बैंक ने कहा कि इसके बाद भी 1.25 अरब लोगों में से 15 फीसदी को बिजली पहुंचाना अभी भी चुनौती है.

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भारत पूरा कर लेगा अपना टारगेट

विश्व बैंक के लीड एनर्जी इकोनॉमिस्ट विवियन फॉल्स्टर ने कहा कि भारत 2030 से पहले ही बिजली के यूनिवर्सल एक्सेस के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बढ़ चुका है. विश्व बैंक की यह रिपोर्ट पीएम मोदी के उस दावे के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के सभी गांवों में बिजली पहुंच चुकी है.

सरकार से अलग विश्व बैंक के आंकड़ें

विश्व बैंक ने एनर्जी प्रोग्रेस नाम से रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट की लीड ऑथर फॉल्स्टर ने कहा कि सबको बिजली देने के मामले में भारत बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. फॉल्स्टर ने कहा कि जो आंकड़ा हमने पेश किया है, वह सरकार के आंकड़े से ज्यादा है. उन्होंने बताया कि जहां हम 85 फीसदी की बात कर रहे हैं, वहीं, सरकार 80 के आसपास बात कर रही है.

फॉल्स्टर ने दोनों आंकड़ों में आए इस फर्क को लेकर कहा कि विश्व बैंक के सर्वे में हर घर को शामिल किया जाता है. इसमें वे लोग भी शामिल होते हैं, जिनके पास बिजली नहीं पहुंची है. वहीं, सरकार आध‍िकारिक बिजली के आंकड़ों के आधार पर आंकड़े जारी करती है.

लेकिन बांग्लोदश से पीछे है भारत

विश्व बैंक ने हर साल 3 करोड़ लोगों को बिजली पहुंचाने को लेकर भारत की तारीफ तो की, लेक‍िन उन्होंने यह भी कहा कि भारत सबसे तेजी से बिजली मुहैया कराने वाला देश नहीं है. फॉल्स्टर ने बताया कि बांग्लादेश और केन्या भी इस मामले में भारत से आगे हैं.

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