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डिजिटलाइजेशन से फ्रॉड के मामलों में आई कमी, IMF ने गिनाए फायदे

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि भारत में डिजिटलाइजेशन की वजह से कई बड़े सुधार हुए हैं. इस वजह से मनमाने ढंग से काम करने और फ्रॉड के मामलों में कमी आई है.

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डिजिटलाइजेशन से फ्रॉड के मामलों में आई कमी
डिजिटलाइजेशन से फ्रॉड के मामलों में आई कमी

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भारत में डिजिटलाइजेशन की वजह से फ्रॉड के मामलों में कमी आई है. यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बुधवार को अपनी हालिया रिपोर्ट में कही. आईएमएफ के मुताबिक डिजिटलाइजेशन की वजह से मनमाने ढंग से काम करने वालों पर भी लगाम लगा है.

आईएमएफ ने विश्वबैंक के साथ बैठक से पहले यह रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, " भारत में कुछ अहम सुधारों ने डिजिटलाइजेशन के फायदों को दर्शाया है और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आई है. उदाहरण के तौर पर , भारत में सामाजिक सहायता कार्यक्रम के प्रंबधन में इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म अपनाने से खर्च में 17 फीसदी की गिरावट आई है जबकि इस कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाला लाभ बरकरार है."

आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और इंडोनेशिया में कल्याणकारी योजनाओं के लिए ई-खरीद की शुरुआत से प्रतिस्पर्धा और निर्माण की गुणवत्ता बढ़ी है. इसी प्रकार , आंध्र प्रदेश में स्मार्ट आईडी कार्ड के इस्तेमाल से विशिष्ट कार्यक्रमों के तहत जरूरतमंदों को दिए जाने वाले लाभ में होने वाली गड़बड़ी को 41 फीसदी तक कम किया गया है.

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स्मार्ट आईडी का उपयोग विशेष कार्यक्रम के लाभार्थियों की पहचान में मदद करता है.रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटलाइजेशन की वजह से शीर्ष ऑडिट संस्थानों (एसएआई), संसद और नागरिक समाज की जांच से जनता के पैसों के इस्तेमाल में पारदर्शिता बनाए रखने में मदद मिलती है और अधिकारियों की जवाबदेही बनी रहती है. आईएमएफ ने भारत सरकार को राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3  फीसदी पर रखने के लक्ष्य को हासिल करने में देरी हो सकती है और कर्ज को जीडीपी के 40 फीसदी पर रखने का लक्ष्य 2024 के बाद हासिल हो सकेगा.

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