scorecardresearch
 

WEF के इस कलर मैप में देखिए कितनी है ग्लोबल ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी

60 देशों के राष्ट्राध्यक्षों समेत दुनियाभर से हजारों की संख्या में प्रमुख कंपनियों के सीईओ, सैकड़ों वित्त मंत्रियों, रिजर्व बैंकों के प्रमुखों के अलावा कलाकार, प्रदर्शनकारी, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के प्रमुखों का दावोस पहुंचने का सिलसिला चल रहा है.

Advertisement
X
दावोस पहुंचें पीएम मोदी
दावोस पहुंचें पीएम मोदी

Advertisement

दावोस में विश्व आर्थिक मंच सज चुका है. इस समय दावोस एयरपोर्ट दुनिया का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है. 60 देशों के राष्ट्राध्यक्षों समेत दुनियाभर से हजारों की संख्या में प्रमुख कंपनियों के सीईओ, सैकड़ों वित्त मंत्रियों, रिजर्व बैंकों के प्रमुखों के अलावा कलाकार, प्रदर्शनकारी, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के प्रमुखों का दावोस पहुंचने का सिलसिला चल रहा है.

इस दौरान विश्व आर्थिक मंच की तरफ से एक कलरमैप जारी करते हुए दिखाया गया है कि 2017 से 2019 के बीच दुनिया के किस देश की ग्लोबल ग्रोथ में कितनी हिस्सेदारी रही है (रियल जीडीपी के मुताबिक). इस मैप के मुताबिक लाल रंग में दिखाए गए चीन की ग्लोबल ग्रोथ में सबसे अधिक 35.2 फीसदी की हिस्सेदारी है. नीले रंग में दिखाए गए अमेरिका की 17.9 फीसदी की हिस्सेदारी है.

इस कलर मैप की खासबात है कि तीसरे नंबर पर भगवा रंग में दर्शाए भारत की चीन और अमेरिका के बाद सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. वैश्विक ग्रोथ में भारत 8.6 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ पूरे यूरोजोन (यूरोपीय देश) से अधिक हिस्सेदारी रखता है. यूरोजोन के पास 7.9 फीसदी की हिस्सेदारी है और यूरोजोन से अलग हुए इंग्लैंड (यूके) की 1.6 फीसदी है.

Advertisement

इसे पढ़ें: कल मोदी का भाषण, WEF ने बताया- भारत से ज्यादा उभर रही है PAK की अर्थव्यवस्था!

विश्व आर्थिक मंच के इस कलर मैप के मुताबिक 2017 से 2019 के बीच जापान, रूस और ब्राजील जैसे देशों की हिस्सेदारी 1.5 से 1.0 फीसदी तक है.

अमेरिका में सस्पेंस

गौरतलब है कि विश्व आर्थिक मंच 2018 पर फिलहाल अमेरिका का रुख साफ नहीं है. हालांकि मंच की तरफ से कहा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समिट में शामिल हो रहे हैं. इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप अपनी अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चलते हुए अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अलग होने की बात कह चुके हैं. लिहाजा, ट्रंप के इस समिट में शामिल होने से कयास लगाया जा रहा है ट्रंप अपने पुराने बयानों को भूलकर अमेरिका फर्स्ट की वकालत करने के लिए इस मंच पर पहुंच सकते हैं. ट्रंप प्रशासन द्वारा वैश्विक कारोबार में होने वाले अहम नीतिगत बदलावों को अमेरिका के पक्ष कराने की कोशिश की जाएगी.

इसे पढ़ें: बजट 2018 से पहले दावोस में दम दिखाएंगे PM, विदेशी निवेश सबसे बड़ा टारगेट

गौरतलब है कि विश्व आर्थिक मंच की बैठक में शरीक होने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दावोस के लिए रवाना हो चुके हैं. बैठक के दूसरे दिन 23 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी पूरी दुनिया को संबोधित करेंगे लेकिन इससे पहले विश्व आर्थिक मंच की तरफ से जारी रिपोर्ट में भारत को उभरती अर्थव्यवस्थाओं की सूचि में 62 वें नंबर पर रखा गया है. खासबात यह है कि इस सूचि में जहां पड़ोसी देश चीन को 26वें नंबर पर रखा गया है वहीं दूसरे पड़ोसी पाकिस्तान को 47वें नंबर पर रखा गया है.

Advertisement

ये करीब दो दशक के बाद है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा है. कार्यक्रम का अंत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के साथ होगा. पीएम मोदी मंगलवार दोपहर करीब 2.45 बजे (भारतीय समयानुसार) फोरम को संबोधित करेंगे. 

Advertisement
Advertisement