विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की चल रही मंत्री स्तरीय वार्ता टूटने के कगार पर आ गई है. क्योंकि अमेरिका ने खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे के स्थायी समाधान के प्रयासों में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
बता दें कि डब्ल्यूटीओ की चार दिवसीय बैठक रविवार को शुरू हुई थी.
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अमेरिका की सह व्यापार प्रतिनिधि शेरोन बोमर लारितसन ने यहां एक समूह बैठक में कहा कि खाद्य भंडारण के मुद्दे का स्थायी समाधान अमेरिका को स्वीकार्य नहीं है.
अधिकारियों के अनुसार चूंकि अमेरिका ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बातचीत में शामिल होने से इनकार कर दिया है तो वार्ताएं टूटेंगी ही.
बहुपक्षीय संस्थान की साख होगी प्रभावित
भारत बार- बार कहता रहा है कि मौजूदा बैठक में खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे के स्थायी समाधान निकालना ही होगा. भारत ने खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के स्थायी समाधान की जरूरत पर अपने रुख को कड़ा करते हुए कहा है कि अगर डब्ल्यूटीओ की मौजूदा मंत्री स्तरीय बैठक इसमें विफल रही तो इससे इस बहुपक्षीय संस्थान की साख प्रभावित होगी.
भारत के रुख की सराहना
रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एम.एस.स्वामीनाथन ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की वार्ता में खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर भारत के कड़े रुख की सराहना की है. उन्होंने कहा कि भुखमरी को खत्म करना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना कृषि संबंधी बातचीत का आधार होना चाहिए.
बता दें कि बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु कर रहे हैं. सुरेश प्रभु ने इस मुद्दे पर कई देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश की है. खाद्य सुरक्षा मुद्दे पर दूसरे विकासशील देश भारत के साथ हैं. वह अभी तक यूरोपियन यूनियन के प्रतिनिधियों के अलावा दक्षिण अफ्रीका के उद्योग मंत्री से मिल चुके हैं.