scorecardresearch
 

Indian Economy: अर्थव्यवस्था में गिरावट के साथ हुई साल 2020 की शुरुआत

 Indian Economy 2020 ग्लोबल इकोनॉमिक ​प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से पैदा हुई क्रेडिट कमजोरी गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक है.

Advertisement
X
 Indian Economy 2020 भारतीय अर्थव्यवस्था ढलान की ओर (फाइल फोटो- Aajtak)
Indian Economy 2020 भारतीय अर्थव्यवस्था ढलान की ओर (फाइल फोटो- Aajtak)

Advertisement

  • नए साल में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर
  • विश्व बैंक ने विकास दर का अनुमान घटाकर 5 फीसदी किया

भारतीय अर्थव्यवस्था ढलान की ओर जाती दिख रही है. नए साल के बमुश्किल 10 दिन बीते हैं और अर्थव्यवस्था के लिए तीन बुरी खबरें आईं. ये खबरें इस बात की गवाह हैं कि अर्थव्यवस्था के अच्छे दिन अभी दूर हैं.

गुरुवार, 9 जनवरी को विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान 6.5 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया.

अपनी हालिया 2020 ग्लोबल इकोनॉमिक ​प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से पैदा हुई क्रेडिट कमजोरी गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक है.

कहा जा रहा है कि यह 5 फीसदी की विकास दर का अनुमान पिछले 11 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विश्व बैंक का सबसे खराब अनुमान है.

Advertisement

5 से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया था

विश्व बैंक से पहले भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक ने भी अर्थव्यवस्था की जीडीपी विकास दर लेकर अपना अनुमान घटा दिया था. अपनी ताजा रिपोर्ट में स्टेट बैंक की रिसर्च टीम ने विकास दर का अनुमान 5 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया था.

तीसरी बुरी खबर केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) की तरफ से आई. 7 जनवरी को जारी अपनी रिपोर्ट में CSO ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी (जो कि 2011-12 में थी) रह सकती है, जिसका करंट प्राइस 7.5 फीसदी होगा.

अगर पिछले साल की शुरुआत से तुलना करें तो उस समय इन सभी रेटिंग एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों के अनुमान बेहद सकारात्मक थे जो कि अब बेहद निराशाजनक हैं.

इंडिया टुडे की डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने ​जीडीपी विकास दर के पिछले और ताजा अनुमानों की तुलना की और पाया कि एक साल में जीडीपी विकास दर के अनुमान में 2 फीसदी से जयादा की गिरावट आई है.

पिछले साल की शुरुआत में ज्यादातर वित्तीय संस्थान और एजेंसियां इस बात को लेकर आशावादी थे कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था 2018-19 की तुलना में बेहतर रहेगी, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट दर्ज की गई और इन सभी एजेंसियों के अनुमानों में भी गिरावट दर्ज हुई.

Advertisement

अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने पर चर्चा

पिछले साल जनवरी से अप्रैल के बीच सभी प्रमुख वित्तीय संस्थानों का अनुमान था कि भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी के आसपास रहेगी, हालांकि, कुछ महीने बाद (सितंबर से नवंबर के बीच) इन संस्थानों ने जीडीपी विकास दर का अनुमान घटाकर करीब फीसदी कर दिया.

दिसंबर 2019 के बाद रेटिंग एजेंसियों और ​वैश्विक बैंकों ने अर्थव्यवस्था पर काफी दबाव को देखते हुए अपने अनुमानों को घटाकर औसतन 5 फीसदी कर दिया.

जीडीपी की विकास दर में इस तरह लगातार गिरावट के चलते सरकार के माथे पर बल पड़ गए हैं. बजट पेश करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग के बड़े अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से मुलाकात की और अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने पर चर्चा की है. इसी दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बीजेपी नेताओं और प्रवक्ताओं से मुलाकात कर बजट से पूर्व चर्चा की.

Advertisement
Advertisement