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चिदंबरम का आरोप- YES बैंक बचाने के लिए SBI और LIC पर डाला जा रहा दबाव

कर्ज में डूबे यस बैंक को संकट से उबारने के लिए रिजर्व बैंक ने री-स्‍ट्रक्‍चरिंग प्‍लान बनाया है. बता दें कि रिजर्व बैंक ने बीते गुरुवार को यस बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं.

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कर्ज में डूबे YES बैंक पर आरबीआई ने लगाई है पाबंदी
कर्ज में डूबे YES बैंक पर आरबीआई ने लगाई है पाबंदी

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  • यस बैंक का लोन 2014 में 55,633 करोड़ रुपये था
  • मार्च, 2019 में लोन बढ़कर 2,41,499 करोड़ हुआ

आरबीआई की पाबंदी झेल रहे YES बैंक के संकट पर पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम का बयान आया है. पी चिदंबरम ने कहा है कि साल 2017 से सरकार YES बैंक की निगरानी कर रही है, इसके बावजूद बैड लोन (फंसा हुआ कर्ज) बढ़ता गया.

शनिवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान पी चिदंबरम ने YES बैंक के लोन आंकड़े भी पेश किए. इन आंकड़ों के मुताबिक YES बैंक का जो आउटस्‍टैंडिंग लोन (फंसा हुआ कर्ज) 2014 में 55,633 करोड़ रुपये था वो मार्च, 2019 में बढ़कर 2,41,499 करोड़ रुपये हो गया है. यानी सिर्फ 5 सालों में यस बैंक का आउटस्‍टैंडिंग लोन 4 गुना से भी अधिक बढ़ गया है.

साल आउटस्‍टैंडिंग लोन

मार्च, 2014 55,633 करोड़

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मार्च, 2015 75,550 करोड़

मार्च, 2016 98,210 करोड़

मार्च, 2017 1,32,263 करोड़

मार्च 2018 2,03,534 करोड़

मार्च, 2019 2,41,499 करोड़

इसके साथ ही चिदंबरम ने सरकार से सवाल पूछा कि YES बैंक के सीईओ को बदला गया था तब भी कुछ क्यों नहीं बदला. जबकि YES बैंक के तिमाही नतीजे भी लगातार घाटे में आ रहे थे. चिदंबरम के मुताबिक YES बैंक को बचाने के लिए SBI और LIC पर दबाव डाला जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

YES बैंक में 2450 करोड़ निवेश करेगा SBI

बता दें कि YES बैंक में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 49 फीसदी शेयर खरीदने की तैयारी कर रहा है. एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार के मुताबिक फिलहाल, YES बैंक में 2450 करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा. इसके साथ ही रजनीश कुमार ने कहा कि जो लोग एसबीआई में निवेश करना चाहते हैं कि उसके लिए ये एक मौका है. कहने का मतलब ये है कि YES बैंक में नए निवेशक भी आ सकते हैं. ऐसी खबरें हैं इन निवेशकों में एलआईसी भी शामिल है.

ये भी पढ़ें- सुरक्षित हैं खाताधारकों के पैसे, SBI ऐसे बनेगा YES बैंक का संकटमोचक

इसके साथ ही चिदंबरम ने बैंकिंग सिस्‍टम में बढ़ते लोन पर सवाल खड़े किए हैं. चिदंबरम ने बताया कि नोटबंदी के तुरंत बाद लोन बुक में 100 फीसदी का उछाल आया है. यह वह अवधि है जब मैं वित्तमंत्री नहीं था. ऐसे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को जवाब देना चाहिए.

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